जो दूसरा काम-धंधा या नौकरी करने की वजह से शेयर बाज़ार को सुबह से शाम तक बराबर वक्त नहीं दे सकते, वे इंट्रा-डे ट्रेडिंग का चौकन्नापन नहीं बरत सकते तो उनके लिए मुफीद होती है स्विंग, मोमेंटम या पोजिशनल ट्रेडिंग। यह तीन-चार दिनों से लेकर महीने-डेढ़ महीने की हो सकती है। इंट्रा-डे ट्रेडरों की तरह इन सौदौं में ब्रोकर से उधार या लीवरेज़/मार्जिन की सुविधा नहीं मिलती तो ज्यादा पूंजी लगानी पड़ती है। लेकिन मार्जिन का रिस्क भी तो नहीं रहता। पहले बाज़ार में आज खरीदो, कल बेचो (बीटीएसटी) सौदे चलते थे। लेकिन पूंजी बाज़ार नियामक सस्था, सेबी के आदेश से इन्हें अब उन्हें खत्म कर दिया है। अब गुरुवार की दशा-दिशा…
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'ट्रेडिंग-बुद्ध' अर्थकाम की प्रीमियम-सेवा का हिस्सा है। इसमें शेयर बाज़ार/निफ्टी की दशा-दिशा के साथ हर कारोबारी दिन ट्रेडिंग के लिए तीन शेयर अभ्यास और एक शेयर पूरी गणना के साथ पेश किया जाता है। यह टिप्स नहीं, बल्कि स्टॉक के चयन में मदद करने की सेवा है। इसमें इंट्रा-डे नहीं, बल्कि स्विंग ट्रेड (3-5 दिन), मोमेंटम ट्रेड (10-15 दिन) या पोजिशन ट्रेड (2-3 माह) के जरिए 5-10 फीसदी कमाने की सलाह होती है। साथ में रविवार को बाज़ार के बंद रहने पर 'तथास्तु' के अंतर्गत हम अलग से किसी एक कंपनी में लंबे समय (एक साल से 5 साल) के निवेश की विस्तृत सलाह देते हैं।
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