देश की सबसे बड़ी व सक्रिय 50 कंपनियों और भारतीय शेयर बाज़ार की नुमाइंदगी करनेवाला निफ्टी-50 सूचकांक इस साल 15 जुलाई के बाद से 26 अगस्त तक 9.41% बढ़ चुका है। यह वही अवधि है जब विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों (एफपीआई) ने अक्टूबर 2021 से हमारे शेयर बाज़ार में खरीदने से ज्यादा बेचने का सिलसिला रोककर बेचने से ज्यादा खरीदने का क्रम शुरू किया है। इस दौरान उन्होंने हमारे शेयर बाज़ार के कैश सेगमेंट में 22,312.40 करोड़ रुपए की भारी शुद्ध खरीद की। जाहिर है कि ये विदेशी भारत की विकासगाथा को आगे बढ़ाने नहीं, बल्कि यहां से खटाखट मुनाफा कमाना चाहते हैं। फिर भी शेयर बाज़ार में बहुतों को क्यों लगता है कि यह बाज़ार में तेज़ी के लौटने का आगाज़ है? अब सोमवार का व्योम…
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