वैश्विक प्रतिकूलता, मगर बातें बड़ी-बड़ी

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण और केंद्र सरकार का दावा है कि हमारी अर्थव्यवस्था बमबम कर रही है और आगे भी शानदार गति से बढ़ेगी। लेकिन दरअसल, सब अंधेरे में तीर मार रहे हैं। किसी को कुछ साफ नहीं दिख रहा। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी 11 दिन पहले देश के प्रमुख अर्थशास्त्रियों, अधिकारियों व विशेषज्ञों के साथ बैठक की। बैठक का विषय था – वैश्विक प्रतिकूलताओं के बीच भारत का विकास और दमखम। उनका कहना था कि वैश्विक हालात रिस्क से भरे हैं। फिर भी भारत डिजिटाइजेशन, ऊर्जा, हेल्थकेयर व कृषि क्षेत्र में अनेक अवसर पकड़ सकता है। बाकी लोगों ने हां में हां मिलाई। साफ कुछ नहीं बोला। फिलहाल चालू वित्त वर्ष 2022-23 में हमारी अर्थव्यवस्था भले ही 7% बढ़ जाए, तब भी वह रिजर्व बैंक के 6.8% अनुमान से ज्यादा, मगर सऊदी अरब की अनुमानित विकास दर 7.6% से कम रहेगी। अब मगलवार की दृष्टि…

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