इन दिनों शेयर बाज़ार के पैरों के नीचे की ज़मीन खिसकी हुई है। कहीं कोई किसी आशा व उम्मीद की बात नहीं कर रहा। बाज़ार बढ़ते-बढ़ते फिसल जाता है। अब तो निफ्टी में शॉर्ट सेलिंग करने की चर्चा जोर पकड़ती जा रही है। हताशा और निराशा से भरा यह माहौल कब तक चलेगा, किसी को नहीं पता। कुछ अनुभवी अर्थशास्त्री तो यहां तक कहने लगे हैं कि हम बहुत कठिन दौर से गुज़र रहे हैं। भयंकर तूफान हमारी तरफ बढ़ रहा है। भारत ही नहीं, सारी दुनिया इसकी चपेट में आ सकती है। केंद्र या राज्य सरकारें इस संकट के निपटने के लिए कुछ नहीं कर सकतीं। ऐसे में निवेशकों के तो पसीने छूट रहे हैं। एक तरफ महंगाई का चक्रवात, दूसरी तरफ शेयर बाज़ार के क्रैश होने का खतरा। अब बुधवार की बुद्धि…
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