शेयर बाज़ार की अभी जो स्थिति चल रही है, उससे कभी-कभी तो दिन की ट्रेडिंग के दौरान निफ्टी का बेसिस ऋणात्मक हो जाता है। मतलब तब निफ्टी फ्यूचर्स का भाव निफ्टी के कैश बाज़ार के भाव से कम या डिस्काउंट पर रहता है। इस तरह शेयर बाज़ार में निराशा की भंवर से निकल कर तेज़ी की राह दिखानेवाला ‘बेसिस’ नाम का दूसरा संकेतक फिलहाल निराश कर रहा है। मंदड़ियों में शॉर्ट करने का जबरदस्त माद्दा है और वे इस बाबत भरपूर रिस्क लेने को तैयार हैं, जबकि दूसरी तरफ तेजड़ियों की हालत पस्त है और खरीदने का रिस्क लेने का माद्दा खत्म हो गया है। आज के दौर में तो मंदड़िए मस्त लगते हैं, जबकि तेजड़िए पस्त हैं। एफआईआई पहले से भाग रहे हैं तो बाज़ार को ऐसे में उठाएगा कौन? अब मंगलवार की दृष्टि…
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