शेयर बाज़ार में कभी-कभी छोटी अवधि के ट्रेडरों के साथ ही लम्बे समय के निवेशक भी खरीद रहे होते हैं। अपने यहां एकाध महीने से शायद कुछ ऐसा ही हो रहा है। लेकिन ऐसा ज्यादा नहीं चल सकता। इसका स्पष्ट संकेत देती है डेरिवेटिव सेगमेंट में इस्तेमाल की जा रही मार्केट वाइड पोजिशन लिमिट (MWPL), जो बराबर स्वीकृत सीमा के 12-15% के बीच ही झूल रही है। यह दिखाती है कि ट्रेडर अब भी पोजिशन लेने या बढ़ाने से डर रहे हैं। ट्रेडरों को कभी भी लग सकता है कि अभी चल रही तेज़ी टिकनेवाली नहीं है तो वे फटाफट बेचकर निकल सकते हैं। हालांकि ऐसी स्थिति में लम्बे समय के निवेशक अभी या थोड़े इंतज़ार के बाद खरीद के लिए आगे आ सकते हैं। इस तरह बन रहे संतुलन से बाज़ार के ज्यादा गिरने की आशंका कम हो जाती है। अब मंगलवार की दृष्टि…
यह कॉलम सब्सक्राइब करनेवाले पाठकों के लिए है.
'ट्रेडिंग-बुद्ध' अर्थकाम की प्रीमियम-सेवा का हिस्सा है। इसमें शेयर बाज़ार/निफ्टी की दशा-दिशा के साथ हर कारोबारी दिन ट्रेडिंग के लिए तीन शेयर अभ्यास और एक शेयर पूरी गणना के साथ पेश किया जाता है। यह टिप्स नहीं, बल्कि स्टॉक के चयन में मदद करने की सेवा है। इसमें इंट्रा-डे नहीं, बल्कि स्विंग ट्रेड (3-5 दिन), मोमेंटम ट्रेड (10-15 दिन) या पोजिशन ट्रेड (2-3 माह) के जरिए 5-10 फीसदी कमाने की सलाह होती है। साथ में रविवार को बाज़ार के बंद रहने पर 'तथास्तु' के अंतर्गत हम अलग से किसी एक कंपनी में लंबे समय (एक साल से 5 साल) के निवेश की विस्तृत सलाह देते हैं।
इस कॉलम को पूरा पढ़ने के लिए आपको यह सेवा सब्सक्राइब करनी होगी। सब्सक्राइब करने से पहले शर्तें और प्लान व भुगतान के तरीके पढ़ लें। या, सीधे यहां जाइए।
अगर आप मौजूदा सब्सक्राइबर हैं तो यहां लॉगिन करें...