बाबा रामदेव का सत्याग्रह अकाल मृत्यु का शिकार हो गया। योगगुरु हरिद्वार में अपने पातंजलि योगपीठ आश्रम वापस पहुंच चुके हैं। दिल्ली राज्य के नई दिल्ली जिले में धारा 144 लगा दी गई है क्योंकि पुलिस को इंडिया गेट, बोट क्लब या जंतर मंतर पर विरोध प्रदर्शन किए जाने की आशंका थी, जो नई दिल्ली जिले के इलाके आते हैं। कुछ दिनों में यह आशंका खत्म होते ही धारा 144 भी हटा ली जाएगी।
हुआ यह कि शनिवार-रविवार की रात सरकार और रामदेव के बीच वार्ता टूटने के बाद पुलिस ने करीब एक बजे रामलीला मैदान में कार्रवाई की और बाबा रामदेव को गिरफ्तार कर लिया। इस दौरान पुलिस ने सत्याग्रहियों पर लाठीचार्ज किया गया और आंसू गैस के गोले भी छोड़े। इससे अफरा-तफरी का माहौल हो गया और कई लोग घायल हो गए।
कहा जा रहा है कि बाबा रामदेव ने सरकार के साथ हुए ‘समझौते’ के बावजूद अनशन जारी रखा था जिसकी वजह से पुलिस ने कार्रवाई की। दिल्ली पुलिस ने अज्ञात व्यक्तियों के खिलाफ दंगा फैलाने, लोकसेवकों को दायित्व निर्वाह करने से रोकने और सार्वजनिक संपत्ति को नुकसान पहुंचाने के आरोप में कमला मार्केट पुलिस थाने में मामला दर्ज कर लिया है।
इसके बाद रविवार सुबह गिरफ्तार बाबा रामदेव को रिहा कर दिया गया और नई दिल्ली से एक चार्टर्ड विमान पर सवार होकर देहरादून से करीब 30 किलोमीटर दूर जॉलीग्रान्ट हवाईअड्डे पर पहुंचे जहां से सीधे हरिद्वार में पातंजलि योगपीठ रवाना हो गए। देहरादून के एसएसपी जी एस मारतोलिया के मुताबिक बाबा रामदेव को जॉलीग्रान्ट हवाईअड्डे पर विमान से उतरने के बाद कड़ी सुरक्षा के घेरे में ले लिया गया और उन्हें सड़क मार्ग से हरिद्वार भेजा गया। रामदेव की सुरक्षा के मद्देनजर उसके साथ एसपी (ग्रामीण) गिरीशचंद ध्यानी को भी भेजा गया। हवाईअड्डे पर उतरने के बाद बाबा रामदेव ने वहां मौजूद मीडियाकर्मियों से कोई बात नहीं की। उन्होंने केवल हाथ हिलाकर उनका अभिवादन किया।
इस तरह कालेधन के खिलाफ देश में कई दिनों से उठा गुबार शांत हो गया है। बाबा रामदेव के अनशन का पटाक्षेप हो गया है। सरकार ने कहा है कि वह विदेशो में रखे भारतीयों के अवैध धन को राष्ट्रीय संपत्ति घोषित करेगी। इस वास्ते कानून बनाने के लिए वह एक कमिटी बनाने जा रही है। लेकिन यह सारा कुछ एक स्वांग के ज्यादा कुछ नहीं है क्योंकि सरकार भी अच्छी तरह जानती है कि कमिटी बनाने या कानून बना देने से विदेशी बैंकों में रखे अवैध धन को नहीं वापस नहीं लाया जा सकता।
इस बीच अतिश्योक्ति में माहिर बीजेपी के वरिष्ठ नेता लाल कृष्ण आडवाणी ने बाबा रामदेव की गिरफ्तारी और उनके समर्थकों पर हुए लाठीचार्ज की तुलना जलियांवाला बाग कांड और आपातकाल से की है। उन्होंने चेन्नई में संवाददाताओं से कहा, ‘‘रामलीला मैदान में पुलिस की कार्रवाई से आपातकाल की याद ताजा हो गई है।” उन्होंने कहा, ‘‘भ्रष्टाचार और कालाधन का मुद्दा उठाने वाले रामदेव और उनके समर्थकों के खिलाफ ऐसी बर्बर कार्रवाई निंदनीय है। प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह और यूपीए अध्यक्ष सोनिया गांधी को इस घटना के लिए न केवल बाबा रामदेव बल्कि पूरे देश से माफी मांगनी चाहिए।’’
आडवाणी ने कहा, ‘‘मेरी एक मांग यह भी है कि राष्ट्रपति प्रतिभा पाटिल पिछले कम से कम छह महीने की घटनाओं पर संज्ञान लेते हुए संसद का आपात सत्र बुलाएं ताकि भ्रष्टाचार और कालाधन जैसे मुद्दों पर चर्चा हो सके।’’
उधर लखनऊ में बीजेपी अध्यक्ष नितिन गडकरी ने कहा, ‘‘यह घटना प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह और यूपीए अध्यक्ष सोनिया गांधी के इशारे पर हुई है और आपातकाल के दिनों की याद दिलाती है।’’ गडकरी ने कहा कि यूपीए सरकार और इसके नेता सत्ता में बने रहने का नैतिक अधिकार खो चुके हैं। उन्होंने घोषणा की कि रामदेव समर्थकों पर पुलिस कार्रवाई के विरोध में पार्टी कार्यकर्ता पूरे देश में 24 घंटे का सत्याग्रह करेंगे। साथ ही पार्टी के शीर्ष नेता रविवार शाम सात बजे से दिल्ली में राजघाट पर 24 घंटे के सत्याग्रह पर बैठ रहे हैं।