आयुष्मान से मौज है निजी अस्पतालों की

सत्तर साल या इससे ऊपर के सभी वरिष्ठ नागरिकों को आयुष्मान योजना में लाने स्कीम घोषित करते हुए केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने कहा था, “इस स्कीम का शुरुआती खर्च ₹3437 करोड़ है। चूंकि यह मांग आधारित स्कीम है तो जैसे-जैसे मांग बढ़ेगी, इसका कवरेज बढ़ा दिया जाएगा।” लेकिन वैष्णव का ये बयान पब्लिक को गुमराह करनेवाला है क्योंकि यह स्कीम मनरेगा की तरह मांग आधारित नहीं है। इसमें सरकार बीमा कंपनियों को प्रीमियम देती है जिसके एवज में वे बीमित व्यक्ति के क्लेम का भुगतान करती हैं। बूढ़ों को भी शामिल करने पर आयुष्मान योजना के मद में सरकार को ज्यादा प्रीमियम देना होगा। देश के 50 करोड़ से ज्यादा गरीबों को स्वास्थ्य कवर देनेवाली इस स्कीम पर वित्त वर्ष 2022-23 में ₹6185 करोड़ और 2023-24 में ₹7200 करोड़ के बजट अनुमान के बजाय ₹6800 करोड़ खर्च किए गए, जबकि चालू वित्त वर्ष 2024-25 में इस स्कीम का बजट आवंटन ₹7300 करोड़ है। सितंबर 2018 में लॉन्च की गई इस स्कीम में अब तक ₹90,204 करोड़ दिए गए हैं। दिसंबर 2023 तक ₹72,817 करोड़ दिए गए थे, जिसका 67% या ₹48,778 करोड़ निजी अस्पताओं को मिला था। अब मंगलवार की दृष्टि…

यह कॉलम सब्सक्राइब करनेवाले पाठकों के लिए है.
'ट्रेडिंग-बुद्ध' अर्थकाम की प्रीमियम-सेवा का हिस्सा है। इसमें शेयर बाज़ार/निफ्टी की दशा-दिशा के साथ हर कारोबारी दिन ट्रेडिंग के लिए तीन शेयर अभ्यास और एक शेयर पूरी गणना के साथ पेश किया जाता है। यह टिप्स नहीं, बल्कि स्टॉक के चयन में मदद करने की सेवा है। इसमें इंट्रा-डे नहीं, बल्कि स्विंग ट्रेड (3-5 दिन), मोमेंटम ट्रेड (10-15 दिन) या पोजिशन ट्रेड (2-3 माह) के जरिए 5-10 फीसदी कमाने की सलाह होती है। साथ में रविवार को बाज़ार के बंद रहने पर 'तथास्तु' के अंतर्गत हम अलग से किसी एक कंपनी में लंबे समय (एक साल से 5 साल) के निवेश की विस्तृत सलाह देते हैं। इस कॉलम को पूरा पढ़ने के लिए आपको यह सेवा सब्सक्राइब करनी होगी। सब्सक्राइब करने से पहले शर्तें और प्लान व भुगतान के तरीके पढ़ लें। या, सीधे यहां जाइए।
अगर आप मौजूदा सब्सक्राइबर हैं तो यहां लॉगिन करें...

Existing Users Log In
   
New User Registration
Please indicate that you agree to the Terms of Service *
captcha
*Required field