एक अंदर तो एक बाहर

समूची सृष्टि में हर चीज की दो गतियां होती हैं। एक अपनी धुरी पर और एक बाहर। अलग-अलग, लेकिन परस्पर जुड़ी। जो इन दोनों गतियों को साध लेता है, वही सफल साधक और सांसारिक है।

2 Comments

  1. गति तो एक ही होती है

  2. भ्रम होता है कम या ज्यादा होने का

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