व्यापारी कभी मगजमारी नहीं करता कि किसी चीज के दाम क्यों बढ़े या घट गए। उसे तो अपने मार्जिन से मतलब है। बाज़ार में है तो इतना जागरूक जरूर रहता है कि दाम घट-बढ़ क्यों रहे हैं। लेकिन इससे ज्यादा नहीं। दाम बढ़े तो उसका असर उत्पादक और ग्राहक पर पड़ेगा। व्यापारी को तो एक निश्चित प्रतिशत ही कमीशन या मार्जिन मिलेगा। शेयर बाजार के ट्रेडर को भी अपने पेशे की इस हकीकत को जज़्ब कर लेना चाहिए। दो-चार दिन में औसतन 2-5% के फायदे का लक्ष्य रखना चाहिए। मोमेंटम और पोजिशन ट्रेड में 10-11% तक कमा लेना आदर्श स्थिति है। कभी ज्यादा मिल गया तो अच्छा। लेकिन ज्यादा उछलने का लक्ष्य नहीं रखना चाहिए। बाज़ार में मध्यम गति से चलना ही लम्बे समय तक टिके रहने का सही और कारगर सलीका है। अब बुधवार की बुद्धि…
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