सारा खेल प्रायिकता या संभावनाओं का!

वैसे तो शेयर बाज़ार में ट्रेडिंग से लेकर निवेश तक में सफलता का सारा खेल प्रायिकता पर निर्भर है। लेकिन आज के दौर में जब पलड़ा न इधर भारी हो न उधर, तब प्रायिकता या प्रोबैबिलिटी पर आधारित रणनीति ही सबसे माकूल हो सकती है। प्रायिकता की गणना सांख्यिकी का विषय है। लेकिन आम बोलचाल में हम इसे किसी स्टॉक या सूचकांक के बढ़ने की संभावना और गिरने की आशंका से समझ सकते हैं। यह भी एक तरह का अंदाज़ है जो उल्टा भी पड़ सकता है। लेकिन यह तरीका रिस्क को न्यूनतम और रिटर्न को अधिकतम करने में काम आता है। चूंकि समूचे बाज़ार या किसी स्टॉक की चाल अंततः उद्योग में हो रहे पूंजी निवेश और कंपनियों के नतीजों पर निर्भर है, इसलिए हमें इनका भी ध्यान रखना होता है। अब गुरुवार की दशा-दिशा…

यह कॉलम सब्सक्राइब करनेवाले पाठकों के लिए है.
'ट्रेडिंग-बुद्ध' अर्थकाम की प्रीमियम-सेवा का हिस्सा है। इसमें शेयर बाज़ार/निफ्टी की दशा-दिशा के साथ हर कारोबारी दिन ट्रेडिंग के लिए तीन शेयर अभ्यास और एक शेयर पूरी गणना के साथ पेश किया जाता है। यह टिप्स नहीं, बल्कि स्टॉक के चयन में मदद करने की सेवा है। इसमें इंट्रा-डे नहीं, बल्कि स्विंग ट्रेड (3-5 दिन), मोमेंटम ट्रेड (10-15 दिन) या पोजिशन ट्रेड (2-3 माह) के जरिए 5-10 फीसदी कमाने की सलाह होती है। साथ में रविवार को बाज़ार के बंद रहने पर 'तथास्तु' के अंतर्गत हम अलग से किसी एक कंपनी में लंबे समय (एक साल से 5 साल) के निवेश की विस्तृत सलाह देते हैं। इस कॉलम को पूरा पढ़ने के लिए आपको यह सेवा सब्सक्राइब करनी होगी। सब्सक्राइब करने से पहले शर्तें और प्लान व भुगतान के तरीके पढ़ लें। या, सीधे यहां जाइए।
अगर आप मौजूदा सब्सक्राइबर हैं तो यहां लॉगिन करें...

Existing Users Log In
   
New User Registration
Please indicate that you agree to the Terms of Service *
captcha
*Required field