5200 सलामत तो फिक्र नहीं खास

बीते शुक्रवार को इनफोसिस ने जो किया, वही इस शुक्रवार को रिलायंस इंडस्ट्रीज द्वारा किए जाने का अंदेशा है। इनफोसिस को पहले लगी 12.6 फीसदी चोट के ऊपर करीब 1.5 फीसदी का फटका आज और लग गया। शेयर 25 अगस्त 2011 को हासिल 2169 रुपए के न्यूनतम स्तर से थोड़ा ही दूर, 2339.35 पर बंद हुआ। अब बाजार में चर्चा चल निकली है कि रिलायंस इंडस्ट्रीज का लाभ चौथी तिमाही में उम्मीद से लगभग 7 फीसदी कम 4258 करोड़ रुपए रहेगा तो उसका शेयर 0.39 फीसदी और घटकर 748.30 रुपए पर पहुंच गया। रिलायंस के सालाना व चौथी तिमाही के नतीजे इस हफ्ते शुक्रवार, 20 अप्रैल को आने हैं।

लेकिन बाजार मानकर चल रहा है कि कल रिजर्व बैंक ब्याज दरों में 0.25 फीसदी की कटौती कर देगा। मैन्यूफैक्चरिंग उत्पादों की मुद्रास्फीति के मार्च में घटकर 4.87 फीसदी रह जाने से इस धारणा को बढ़ावा मिला है। आईडीबीआई फेडरल लाइफ इंश्योरेंस के सीआईओ अनीश श्रीवास्तव का कहना है, “मैन्यूफैक्चरिंग मुद्रास्फीति के लंबे समय बाद 5 फीसदी से नीचे आने से ब्याज दर में कमी का पक्ष मजबूत हो गया है। मुझे तो सीआरआकर में भी कटौती की उम्मीद है।” ऐसी ही उम्मीदों के बीच एसबीआई से लेकर एक्सिस बैंक और हीरो मोटोकॉर्प से लेकर बजाज ऑटो तक के शेयर बढ़ गए हैं। ये उन उद्योग क्षेत्रों से जुड़े स्टॉक हैं जिन पर ब्याज दरों का सीधा असर पड़ता है। टाटा मोटर्स भी अपनी वैश्विक बिक्री 26 फीसदी बढ़ने की घोषणा के बाद 3.91 फीसदी बढ़ गया।

अहम सवाल कि आगे का क्या हाल रहेगा? आज तो सेंसेक्स 0.33 फीसदी बढ़कर 17,150.95 पर और निफ्टी 0.36 फीसदी बढ़कर 5226.20 पर बंद हुआ है और शुक्रवार को हमने इस बाजार धारणा को रखा भी था कि, “तय मानिए कि सोमवार को रुझान बढ़त का ही रहेगा।” लेकिन खुदा-न-खास्ता कल अगर ब्याज दरों में कटौती न हुई और निफ्टी गिरकर 5185 तक चला गया तो अगले कुछ दिनों में बाजार को लगभग 5 फीसदी की गिरावट से रोक पाना मुश्किल हो जाएगा। लेकिन अगर ब्याज दर में कटौती हुई और निफ्टी 5200 के ऊपर टिका रहा तो यग 5450 तक भी पहुंच सकता है। ऐसा हमारा नहीं, बल्कि बाजार में अंदर तक धंसे कुछ निष्पक्ष जानकारों का कहना है।

असल में लगता है कि बाजार ने निफ्टी में 5200 के स्तर पर नया संतुलन बना लिया है। दो महीने से ज्यादा वक्त से निफ्टी इसी के इधर-उधर डोल रहा है। इस स्तर में कहीं न कहीं अंतर्निहित है कि निफ्टी सूचकांक में शामिल 50 कंपनियों का लाभार्जन (ईपीएस) चालू वित्त वर्ष 2012-13 में 8-10 फीसदी बढ़ेगा। अगर भावी नजरिया इससे खराब होता है तो बाजार इससे नीचे जाएगा और बेहतर हुआ तो वह इसे तोड़कर ऊपर चला जाएगा। इस बीच तात्कालिक तौर पर उसी तरह 5 फीसदी ऊपर-नीचे होता रहेगा, जैसा पिछले दो महीनों में हुआ है।

इसलिए ब्याज दरों में कटौती की काफी अहमियत है। इससे कंपनियों के भावी लाभार्जन का नजरिया बदल जाएगा और निफ्टी 15-20 दिन के अंदर ही 5450 पर जा सकता है। नहीं तो यह 4950 तक भी गिर सकता है। इसके बीच का निर्णायक दायरा है 5185 से लेकर 5200 तक। यह नो मैन्स लैंड है। इसके भीतर रहे तो गनीमत है। अन्यथा मारामारी का पक्का अंदेशा है। तब होगा आर या पार।

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