शेयर बाज़ार समझदारों का खेल नहीं है। यह तो लालच और डर की भावनाओं में खिंचते व भागते धनवानों का खेल है। यह दरअसल नीलामी का बाज़ार का है जिसमें भविष्य की सोच कर दांव लगा दिया जाता है जो गलत भी पड़ सकता है और सौदा आगे जाकर गले की हड्डी बन सकता है। वहीं, रीयल एस्टेट बाज़ार समझदार व बुद्धिमान ग्राहक समझदार व बुद्धिमान ग्राहक के साथ सौदा करता है। इसलिए रीयल एस्टेट बाज़ार में बहुत ज्यादा उतार-चढ़ाव नहीं होता। बाज़ार एकदम शांत भाव व समझदारी से चलता है। इसलिए उसमें तुरत-फुरत रिटर्न भी नहीं मिलता। लेकिन नीलामी पर टिके शेयर बाज़ार में भाव अक्सर आकाश-पाताल करते रहते हैं। संयत निवेशक शेयर बाज़ार के इसी स्वभाव का फायदा उठाते हैं। बहुत सारे लोग शेयर बाज़ार को पसंद करते हैं क्योंकि उन्हें भावों के उछलने से जमकर मुनाफा मिल जाता है। लेकिन वे यह भी भलीभांति जानते हैं कि भाव कभी भी धराशाई हो सकते हैं तो तगड़ा स्टॉप-लॉस लगाकर चलते हैं। अब शुक्रवार का अभ्यास…
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