शेयर बाज़ार में इंट्रा-डे ट्रेडिंग की इजाज़त केवल रिटेल निवेशकों/ट्रेडरों को है। संस्थाएं/बैंक दिन के दिन में निपटाने वाले ऐसे सौदे नहीं कर सकते। यह सेबी का नियम है। व्यवहार में क्या होगा, पता नहीं। सितंबर 2020 तक रिटेल ट्रेडर ब्रोकर पर रखे मार्जिन का चार गुना ट्रेड कर सकते थे। पहली मार्च से यह सीमा दो-गुना रह गई। जून से यह 1.33 गुना बच जाएगी। फिर, सितंबर 2021 से महज एक गुना। मतलब, इंट्रा-डे में रिटेल ट्रेडर जितने का मार्जिन देंगे, उतना ही ट्रेड कर पाएंगे। इस तरह रिटेल ट्रेडरों के पंख कुतर दिए जाएंगे। अब मंगलवार की दृष्टि…
यह कॉलम सब्सक्राइब करनेवाले पाठकों के लिए है.
'ट्रेडिंग-बुद्ध' अर्थकाम की प्रीमियम-सेवा का हिस्सा है। इसमें शेयर बाज़ार/निफ्टी की दशा-दिशा के साथ हर कारोबारी दिन ट्रेडिंग के लिए तीन शेयर अभ्यास और एक शेयर पूरी गणना के साथ पेश किया जाता है। यह टिप्स नहीं, बल्कि स्टॉक के चयन में मदद करने की सेवा है। इसमें इंट्रा-डे नहीं, बल्कि स्विंग ट्रेड (3-5 दिन), मोमेंटम ट्रेड (10-15 दिन) या पोजिशन ट्रेड (2-3 माह) के जरिए 5-10 फीसदी कमाने की सलाह होती है। साथ में रविवार को बाज़ार के बंद रहने पर 'तथास्तु' के अंतर्गत हम अलग से किसी एक कंपनी में लंबे समय (एक साल से 5 साल) के निवेश की विस्तृत सलाह देते हैं।
इस कॉलम को पूरा पढ़ने के लिए आपको यह सेवा सब्सक्राइब करनी होगी। सब्सक्राइब करने से पहले शर्तें और प्लान व भुगतान के तरीके पढ़ लें। या, सीधे यहां जाइए।
अगर आप मौजूदा सब्सक्राइबर हैं तो यहां लॉगिन करें...