शेयर बाज़ार मुख्यतः चार दौर या चक्र से गुजरता है: निराशा, संशय, आशा और उन्माद। निराशा के दौरान जमकर खरीदना और एकदम नहीं बेचना चाहिए। संशय के दौरान संभलकर खरीदना और थोड़ा-थोड़ा बेचकर मुनाफा बनाना चाहिए। आशा के दौर में सावधानी से खरीदना और बराबर बेचकर मुनाफा निकालना चाहिए। वहीं, उन्माद के दौर में जमकर बेचना और बेहद चुनिंदा खरीद करनी चाहिए। अभी हमारा बाज़ार उन्माद के दौर में है। अब तथास्तु में आज की संभावनामय कंपनी…
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