मानसून की पहली बारिश ने माहौल में थोड़ी ठंडक घोल दी। लेकिन समग्र मानसून को लेकर चिंता बरकरार है। अर्थव्यवस्था की हालत को लेकर भी पहले जैसा आशावाद नहीं बचा। विदेशी निवेशकों ने मई में पिछले 21 महीनों में पहली बार शेयर बाज़ार में शुद्ध बिकवाली की। ऐसे में हो सकता कि बाज़ार महीनों तक सीमित रेंज में बंधकर रह जाए। जाहिर है कि इस दौर में ट्रेडिंग की रणनीति अलग होनी चाहिए। अब सोम का व्योम…
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