भारी जिम्मेदारी

जब औरों की आशाएं आपसे जुड़ जाती हैं तो जीत या हार सिर्फ आपकी नहीं होती। वह अपने-पराए उन तमाम सामान्य जनों की होती है जो खुद लड़ नहीं सकते लेकिन आपके साथ मर जरूर सकते हैं।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *