स्पीक एशिया के बाद दूसरी ऑनलाइन सर्वे कंपनियों के भी तंबू-कनात उखड़ रहे हैं। उत्तर प्रदेश के व्यापक इलाकों और कुछ अन्य राज्यों में सक्रिय कंपनी रामसर्वे का प्रबंध निदेशक करीब एक हफ्ते से फरार बताया जा रहा है। पुलिस जोर-शोर से उसकी तलाश में लगी हुई है। इसे 24 मई को कानपुर की एक प्रेस कांफ्रेंस में आना था। लेकिन वह वहां नहीं पहुंचा, जबकि दूसरे लोग भरोसा दिलाते रहे कि कंपनी में सबका पैसा सुरक्षित है। (देखें: वीडियो)
असल में तमाम निवेशकों की शिकायत के बाद पुलिस ने रामसर्वे के एमडी समेत चार लोगों के खिलाफ मामला दर्ज कर लिया है। पुलिस ने कंपनी को नोटिस भेजकर रिकॉर्ड मांगे थे लेकिन नोटिस मिलने के बाद से ही कंपनी का प्रमुख फरार है। इस कंपनी ने 26 मई को अपने वेबसाइट पर एक संदेश डाल दिया है कि अगले हफ्ते तक भुगतान की सुविधा में व्यवधान रहेगी।
बता दें कि रामसर्वे लोगों को घर बैठे-बैठे कमाई का सपना दिखाकर 3500 रुपए में सदस्य बनाती थी। इसके बदले हर हफ्ते एक सर्वे का 500 रुपए के हिसाब से 11 महीने में 20,000 रुपए देने का वादा करती थी। यहां तक कि कहीं-कहीं तो हफ्ते भर में 50,000 कमाने का लालच दिया जाता था। रामसर्वे अपने साथ और लोगों को जोड़ने पर प्रति व्यक्ति 250 रुपए का कमीशन भी देती थी। घर बैठे बढ़िया कमाई का जरिया समझकर लाखों लोग इससे जुड़ने लगे।
सर्वे का संचालन रामनरेश सर्वे इंटरनेशनल प्रा. लिमिटेड की तरफ से किया जाता है। इस कंपनी का पता उत्तर प्रदेश में मिर्जापुर जिले के एक गांव नारघाट का है। इसके प्रबंध निदेशक सुशील कुमारर कुशवाहा हैं जो फिलहाल फरार हैं। बताते हैं कि वे किसी समय राम जन्मभूमि आंदोलन में काफी सक्रिय थे। राम के नाम पर सर्वे कंपनी बनाकर लोगों को फंसाने का आइडिया उनको वहीं से मिला।
पिछले महीने 27 अप्रैल को रामसर्वे इंटरनेशनल की तरफ से कुशवाहा ने मिर्जापुर पुलिस प्रशासन के खिलाफ इलाहाबाद हाईकोर्ट में याचिका दायर की थी। इसमें प्रदेश सरकार, पुलिस उपमहानिदेशक व पुलिस अधीक्षक को पद नाम से पार्टी बनाया गया था। उससे पहले पुलिस रामसर्वे के नारघाट से लेकर तमाम दफ्तरों पर छापेमारी कर रही थी। कुशवाहा ने अपनी याचिका में कहा था कि उनके व्यवसाय में पुलिस के अनावश्यक हस्तक्षेप को रोका जाए।