शब्द तो साधन हैं खुद को बयां करने के। किसी के शब्दों पर उलझ गए, भाव नहीं समझा, मंशा नहीं समझी तो आने लगती है रिश्तों में दरार।
2010-04-06
शब्द तो साधन हैं खुद को बयां करने के। किसी के शब्दों पर उलझ गए, भाव नहीं समझा, मंशा नहीं समझी तो आने लगती है रिश्तों में दरार।
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