पहली तिमाही में 10.2% बढ़ सकती है अर्थव्यवस्था

देश-विदेश की 24 प्रमुख वित्तीय संस्थाओं में से कुछ का मानना है कि वित्त वर्ष 2010-11 की पहली तिमाही में भारतीय अर्थव्यस्था या सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) की विकास दर 10.2 फीसदी रह सकती है। उनके मुताबिक अप्रैल-जून 2010 की तिमाही में कृषि की विकास दर 4 फीसदी, उद्योग की विकास दर 14.3 फीसदी व सेवा क्षेत्र की विकास दर 10.8 फीसदी रहेगी और औद्योगिक मूल्य सूचकांक (आईआईपी) में 15.4 फीसदी की बढ़ोतरी होगी। यह बात रिजर्व बैंक द्वारा कराए गए ताजा प्रोफेशनल फोस्कास्टर्स सर्वे से सामने आई है। यह सर्वे रिजर्व बैंक ने मार्च 2010 में खत्म तिमाही में कराया था। रिजर्व बैंक ने इस साल की मौद्रिक नीति में इस सर्वे के हवाले कहा था कि विशेषज्ञों के मुताबिक पूरे वित्त वर्ष 2010-11 में जीडीपी की विकास दर 8.2 फीसदी रह सकती है। हालांकि रिजर्व बैंक का अपना अनुमान 8 फीसदी का है।

बता दें कि रिजर्व बैंक सितंबर 2007 के बाद से ही हर तिमाही पर अर्थव्यवस्था के तमाम पहलुओं पर विशेषज्ञों की राय इकट्ठा करता है। इसमें वह जीडीपी, मुद्रास्फीति, बचत, पूंजी निर्माण, उपभोग पर खर्च, निर्यात, आयात, ब्याज दर, मुद्रा आपूर्ति, कर्ज की वृद्धि और कॉरपोरेट क्षेत्र के मुनाफे से लेकर शेयर बाजार की भावी दिशा पर विशेषज्ञों से सवाल पूछता है। पिछले साल अप्रैल में जारी सर्वेक्षण में उसने 14 जानी-मानी एजेंसियों से सवाल पूछे थे, जबकि इस बार यह संख्या 24 हो गई है। इन एजेंसियों में अंतरराष्ट्रीय मुद्राकोष (आईएमएफ) से लेकर विश्व बैंक जैसी विदेशी संस्थाएं और देश के बड़े बैंक व वित्तीय संस्थाएं शामिल हैं। सर्वे के नतीजे हर तीन महीने पर पेश करते हुए रिजर्व बैंक हमेशा स्पष्ट करता है कि यह प्रोफेशनल फोस्कास्टर्स की राय है, उसकी अपनी नहीं।

मार्च 2010 के ताजा सर्वेक्षण में अप्रैल-जून 2010 की पहली तिमाही का सबसे निराशावादी अनुमान जीडीपी की विकास दर 7.6 फीसदी का है। उनका मत है कि इस दौरान कृषि की विकास दर 0.8 फीसदी, उद्योग की 8.5 फीसदी और सेवा क्षेत्र की 7.6 फीसदी रह सकती है, जबकि औद्योगिक मूल्य सूचकांक (आईआईपी) 9.4 फीसदी बढ़ेगा। रिजर्व बैंक ने इस दोनों ध्रुवों का मध्यमान निकालते हुए कहा है कि प्रोफेशनल फोस्कास्टर्स मानते हैं कि इस साल की पहली तिमाही में भारतीय अर्थव्यवस्था की विकास दर 8.1 फीसदी रहेगी। यह अनुमान पिछले सर्वेक्षण में 7.9 फीसदी का था। जाहिर कि अर्थव्यवस्था की हालत के बारे में विशेषज्ञों की राय तीन महीने में बेहतर हो गई है।

सर्वे के मध्यमान के मुताबिक पहली तिमाही में कृषि में 2.9 फीसदी, उद्योग में 10.6 फीसदी, सेवा क्षेत्र में 8.9 फीसदी वृद्धि का अनुमान है। इस दौरान आईआईपी का मध्यमान 13.3 फीसदी का है, जबकि पिछले सर्वे में इसका अनुमान 8.6 फीसदी ही रखा गया था। मुद्रास्फीति के बारे में सर्वे का अनुमान पहले से बढ़ गया है। पहले अप्रैल-जून 2010 की तिमाही में थोक मूल्य सूचकांक पर आधारित मुद्रास्फीति का अनुमान 7.4 फीसदी का था, जो अब 9.5 फीसदी हो गया है।

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