आरएनआरएल लेगी दो अरब डॉलर!!

अनिल अंबानी की तमाम कंपनियों के शेयर आज सुप्रीम कोर्ट के फैसले की आंधी के शिकार हो गए। आरएनआरएल का शेयर बीएसई में 22.82 फीसदी गिरकर 52.75 रुपए पर बंद हुआ, लेकिन दिन में 50 रुपए पर जाकर 52 हफ्ते की तलहटी पर भी पहुंच गया। यही हाल एनएसई में भी रहा। 23.77 फीसकी की गिरावट के साथ बंद हुआ 52.10 रुपए पर लेकिन 49.75 के न्यूनतम स्तर पर जाकर। जानकारों के मुताबिक यही माकूल वक्त है इस शेयर को खरीदने का क्योंकि इसके साथ जितना बुरा होना था, हो चुका है। अब जो होगा, वह अच्छा ही होगा। इसी तरह की एक अच्छी बात यह है कि बाजार के सूत्रों के मुताबिक अनिल अंबानी आरएनआरएल को सुप्रीम कोर्ट के फैसले से होनेवाले नुकसान के लिए रिलायंस इंडस्ट्रीज से दो अरब डॉलर यानी, करीब 9100 करोड़ रुपए का हर्जाना मांग सकते हैं।

इसका आधार यह है कि आरएनआरएल और आरआईएल में 2005 में हुआ एमओयू भले ही कानूनी वैधता नहीं रखतe, लेकिन यह रिलायंस के साम्राज्य को दो भाइयों के बीच में बांटने के मूल समझौते का हिस्सा है। दूसरे यह एनटीपीसी के टेंडर में आरआईएल की तरफ से पेश की गई बोली के भाव पर आधारित है। अगर एनपीसीसी के साथ 2004 में किया गया यह वायदा आरआईएल पूरा नहीं करती तो यकीनन उसे कुछ कुछ हर्जाना देना होगा। इस मसले पर एनटीपीसी और आरआईएल में अलग विवाद चल ही रहा है।

अब सुप्रीम कोर्ट ने भी अपने आदेश में कहा है कि आरएनआरएल और आरआईएल छह हफ्ते के भीतर आपसी बातचीत के कोई समझौता कर लें। आरआईएल ने साफ कर दिया है कि वह प्रति यूनिट 4.20 डॉलर से कम पर गैस नहीं देगी। अऩिल अंबानी अपनी तरफ से कह चुके हैं कि वे सुप्रीम कोर्ट के फैसले के खिलाफ पुनर्विचार याचिका नहीं दाखिल करेंगे। ऐसे में रास्ता यही बचता है कि आरएनआरएल भी आरआईएल से बाजार भाव के हिसाब से गैस लेगी। लेकिन इससे होनेवाले घाटे की भरपाई के लिए उसकी निश्चित क्षतिपूर्ति की जानी चाहिए।

जानकारों का कहना है कि खुद आरआईएल कह चुकी है कि अगर उसे 2.34 डॉलर प्रति एमएमबीटीयू (मिलियन मीट्रिक ब्रिटिश थर्मल यूनिट) की दर से आरएनआरएल को 17 सालों तक गैस देनी होती तो उसे 12 अरब डॉलर के निवेश पर मात्र 2 अरब डॉलर का रिटर्न मिलता जो इस निवेश पर मिलनेवाले ब्याज के बराबर भी नहीं है। ऐसे में अगर अनिल अंबानी विवाद को आगे बढ़ाए बगैर किसी समझौते पर राजी हो गए हैं तो मुकेश अंबानी को शायद 2 अरब डॉलर की क्षतिपूर्ति देने पर कोई एतराज न हो। सूत्रों के मुताबिक अनिल अंबानी की तरफ से इस तरह की क्षतिपूर्ति का प्रस्ताव रखा जाना लगभग तय है। बाकी क्या होगा, इसका पता तो तभी चलेगा जब दोनों पक्षों के बीच बाकायदा वार्ता शुरू हो जाएगी।

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