नोबेल पुरस्कार विजेता और बांग्लादेश में गरीबों तक आसान कर्ज पहुंचाने में लगे ग्रामीण बैंक के संस्थापक मुहम्मद यूनुस ने बैक के प्रबंध निदेशक पद से अपनी बख्रास्तगी के खिलाफ अदालत का दरवाजा खटखटाया है।
बांग्लादेश के केंद्रीय बैंक – बांग्लादेश बैंक ने बुधवार को युनुस को ग्रामीण बैंक के प्रमुख के पद से हटा दिया। ग्रामीण बैंक के काम काज को लेकर उनका सरकार के साथ विवाद चल रहा था। युसुन के वकील का कहना है कि, “हमने ग्रामीण बैंक के प्रबंध निदेशक के पद से हटाए जाने के बांग्लादेश बैंक के आदेश के विरुद्ध याचिका दायर की है।”
बांग्लादेश के सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस मोमताज उद्दीज अहमद और गोबिंद चंद्र ठाकुर की अध्यक्षता वाली खंडपीठ इस मामले की सुनवाई करेगी। सुप्रीम कोर्ट के वरिष्ठ वकील कमल हुसैन 70 वर्षीय यूनुस का पक्ष अदालत में रखेंगे।
शेख हसीना की सरकार के कहने पर बांग्लादेश बैंक की तरफ से जारी आदेश में कहा गया था कि मुहम्मद यूनुस ने देश में लागू सेवानिवृति के लिए निर्धारित आयु सीमा का उल्लंघन किया है। बता दें कि ग्रामीण बैंक में बांग्लादेश सरकार की हिस्सेदारी 25 फीसदी है और शेष हिस्सेदारी बैंक से कर्ज लेनेवाले गरीबों के पास है।