सार्वजनिक क्षेत्र की प्रमुख कंपनी ओएनजीसी का इश्यू इस वित्त वर्ष के बजाय अगले वित्त वर्ष में लाया जाएगा। ओएनजीसी का एफपीओ (फालो-ऑन पब्लिक ऑफर) 5 अप्रैल 2011 को खुलेगा। सरकार ने गुरुवार को यह फैसला लिया। इससे पहले उम्मीद की जा रही थी कि यह इश्यू 15 मार्च को जारी कर दिया जाएगा। लेकिन अब इसे टाल दिया गया है। एक सरकारी अधिकारी के मुताहिक कंपनी का एफपीओ 5 अप्रैल से 8 अप्रैल तक खुला रहेगा।
बता दें कि बजट के अनुसार केंद्र सरकार ने चालू वित्त वर्ष में 40,000 करोड़ रुपए के लक्ष्य के विपरीत सार्वजनिक उपक्रमों के विनिवेश से 22,144 करोड़ रुपए ही जुटा सकी है और अगले वित्त वर्ष 2011-12 में फिर इससे 40,000 करोड़ रुपए जुटाने का लक्ष्य रखा है। ओएनजीसी के एफपीओ के तहत केंद्र सरकार अपनी 5 फीसदी इक्विटी यानी 42 करोड़ 77 लाख 70 हजार शेयर बेचेगी। अगर गुरुवार को बीएसई में ओएनजीसी के बंद भाव 269.60 रुपए को आधार बनाएं तो सरकार को इस बिक्री से 11,535 करोड़ रुपए मिल सकते हैं। पहले इससे 13,000 करोड़ रुपए जुटाने का प्रस्ताव था।
एफपीओ के प्राइस बैंड या मूल्य-दायरे का फैसला वित्त मंत्री प्रणव मुखर्जी की अध्यक्षता में बना मंत्रियों का समूह 1 अप्रैल को होनेवाली अपनी बैठक में करेगा। असल में ओएनजीसी कई महीने से एफपीओ की तैयारी में लगी हुई है। इसी क्रम में उसने एक पर एक का बोनस दिया और अपने 10 रुपए अंकित मूल्य के शेयरों को 5 रुपए अंकित मूल्य के शेयरों में बांट दिया है। कंपनी अमूमन अपने तेल भंडारों का ऑडिट हर पांच साल पर कराती है। लेकिन एफपीओ के मद्देनजर वह इस बार तीन साल में ही ऑडिट करा रही है। इसके लिए वह दो अंतरराष्ट्रीय ऑडिटरों की नियुक्ति कर चुकी है।
पहले योजना थी कि वह पूंजी बाजार नियामक संस्था, सेबी के पास 25 फरवरी तक ड्राफ्ट रेड हेरिंग प्रॉस्पेक्टस दाखिल कर देगी। लेकिन इससे पहले उसे अपने निदेशक बोर्ड में कम से कम एक और स्वतंत्र निदेशक को नियुक्त कराना जरूरी है। कंपनी के 11 सदस्यीय निदेशक बोर्ड में चेयरमैन व प्रबंध निदेशक के अलावा दस निदेशक हैं जिनमें से चार स्वतंत्र निदेशक हैं। सेबी की शर्तों के मुताबिक स्वतंत्र निदेशकों की संख्या कम से कम पांच होनी चाहिए।
सरकारी अधिकारी के मुताबिक इस शर्त को पूरा न करने के कारण ही कंपनी के एफपीओ को आगे ले जाया गया है। एफपीओ का प्रॉस्पेक्टस सेबी के पास दस दिन के भीतर दाखिल करा दिया जाएगा और इश्यू के लिए रोड शो देश और विदेश में 21 मार्च से शुरू हो जाएगा। एफपीओ के बाद कंपनी में सरकार की हिस्सेदारी 74.14 फीसदी से घटकर 69.14 फीसदी पर आ जाएगी। एफपीओ के लिए लीड मैनेजर के रूप में बैंक ऑफ अमेरिका, नोमुरा होल्डिंग्स, एचएसबीसी होल्डिंग्स, जेएम फाइनेंशियल, सिटी ग्रुप और मॉरगन स्टैनले की नियुक्ति भी पहले ही की जा चुकी है।