टेक्निकल एनालिसिस में माना जाता है कि शेय़रों में 52 हफ्ते का शिखर प्रतिरोध/रजिस्टेंस का काम करता है और वहां से उसके भाव गिर सकते हैं। लेकिन फिलहाल यह नियम काम नहीं कर रहा। भारत ही नहीं, सारी दुनिया का यही सूरते-हाल है। बहस छिड़ी है कि बाज़ार शक्तियों को अर्थव्यवस्था के कोविड-19 से उबर आने का इतना भरोसा क्यों है? कहीं पलटकर कोरोना ने फिर से कहर बरपाना शुरू कर दिया तो! अब शुक्रवार का अभ्यास…
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