लोगों को अनचाही कॉल्स और एसएमएस से मुक्ति पाने में एक साल और लग सकता है। सार्वजनिक क्षेत्र की भारत संचार निगम लिमिटेड (बीएसएनएल) के रुख से तो ऐसा ही लगता है। बीएसएनएल ने कहा है कि उसे आवश्यक मंजूरी मिलने के बाद अपने नेटवर्क के उन्नयन में 10 माह का समय लगेगा। दूरसंचार नियामक संस्था, टीआरएआई (ट्राई) ने टेलीमार्केटिंग कंपनियों के लिए ऐसी नंबर सीरीज जारी करने को कहा है कि जिसे पहचाना जा सके और उपभोक्ता यदि नहीं चाहता हो तो वह उस कॉल को उठाएगा ही नहीं।
बीएसएनएल के लिए अपने नेटवर्क का उन्नयन इसलिए जरूरी है क्योंकि सभी कॉल्स इंटरकनेक्टेड हैं। ट्राई ने अनचाही कॉल्स और एसएमएस पर लगाम के अपने नियमन के तहत दूरसंचार सेवा प्रदाताओं को निर्देश दिया था कि वे टेलीमार्केटिंग कंपनियों को आसानी से पहचान में आनेवाले नंबरों की श्रंखला जारी करें।
ट्राई के आग्रह के बाद दूरसंचार विभाग (डॉट) ने टेलीमार्केटिंग कंपनियों के लिए ‘140’ से शुरू होनेवाली नई श्रंखला जारी की। यह नंबर श्रंखला मोबाइल फोनों के लिए थी पर लैंडलाइन के लिए ऐसी नंबर श्रंखला जारी नहीं की गई।