स्विटजरलैंड के जिस बदनाम बैंक, यूबीएएस एजी की भारत में इसलिए थू-थू होती है कि उसने यहां के तमाम लोगों का काला धन अपने यहां जमा कर रखा है, उसकी शाखा भारत सरकार की अनुमति पिछले तीन सालों से मजे में काम कर रही है। शायद इससे बड़े किसी सबूत की जरूरत नहीं है कि सरकार क्यों काले धन के खिलाफ कार्रवाई नहीं कर रही है और सुप्रीम कोर्ट को खुद आगे बढ़कर विशेष जांच दल (एसआईटी)औरऔर भी

सरकार द्वारा जारी आंकड़ों के अनुसार 18 जून को समाप्त सप्ताह में थोक मूल्य सूचकांक पर आधारित खाद्य मुद्रास्फीति की दर 7.78 फीसदी रही है, जबकि इससे ठीक पिछले हफ्ते इसकी दर 9.13 फीसदी थी। एक साल पहले जून महीने के समान सप्ताह में यह 20.12 फीसदी थी। लेकिन इसी दौरान ईंधन व बिजली की मुद्रास्फीति बढ़कर आठ हफ्तों के शिखर 12.98 फीसदी पर जा पहुंची। ठीक पिछले हफ्ते यह 12.84 फीसदी और साल भर पहले 12.54औरऔर भी

पूंजी बाजार नियामक संस्था, सेबी द्वारा सहारा समूह की दो कंपनियों – सहारा इंडिया रीयल एस्टेट कॉरपोरेशन और सहारा हाउसिंग इनवेस्टमेंट कॉरपोरेशन के खिलाफ सुनाया गया आदेश 66 लाख निवेशकों को ब्याज समेत उनका धन लौटाने तक सीमित नहीं है, बल्कि इसमें समूह और उसके मुखिया सुब्रत रॉय के कामकाज पर गंभीर सवाल उठाए गए हैं और अंदेशा जताया गया है कि इन कंपनियों में बड़े पैमाने पर मनी लॉन्डिंग हो रही है। सेबी के पूर्णकालिक निदेशकऔरऔर भी

पिछले साल अक्टूबर में भारतीय रिजर्व बैंक ने अंतरराष्ट्रीय मुद्राकोष (आईएमएफ) से जो 200 टन सोना खरीदा था, वह उसके लिए बहुत फायदे का सौदा साबित हुआ है। आईएमएफ से खरीदते वक्त सोने का भाव 1045 डॉलर प्रति ट्रॉय औंस (31.1034768 ग्राम) था, जबकि इस 9 जुलाई को यह 1212 डॉलर प्रति ट्रॉय औंस रहा है। इसलिए केवल सोने की बदौलत 9 जुलाई तक के सबसे ताजा आंकड़ों के मुताबिक रिजर्व बैंक के विदेशी मुद्रा भंडार मेंऔरऔर भी