शेयर बाज़ार भले ही पिछले हफ्ते मंगल को छोड़कर हर दिन बढ़ा हो। पर सच यही है कि हमारी अर्थव्यवस्था की हालत अच्छी नहीं है। फिर, अमेरिकी फेडरल रिजर्व की बांड खरीद घटने या रुकने से भारत समेत दुनिया भर के बाज़ार गिर सकते हैं। ऐसी सूरत में हमें उन्हीं कंपनियों में निवेश करना चाहिए जो मूलभूत रूप से काफी मजबूत हैं और बदतर हालात में भी अच्छी कमाई करती हैं। तथास्तु में ऐसी ही एक कंपनी…औरऔर भी

शुक्रवार शाम शेयर बाज़ार पर आयोजित एक सेमिनार में गया था ताकि कुछ नया सीख सकूं और आपको सर्वोत्तम सलाह दे सकूं। वहां 60-65 साल के एक परेशान निवेशक ने तैश में आकर कहा कि जिस किसी से सात जन्मों की दुश्मनी निकालनी हो, उसका पैसा शेयरों में लगवा देना चाहिए। बड़े कड़वे अनुभव से गुजरी है उनकी पीढ़ी। आज भी मूल फिक्र पूंजी बढ़ाने से ज्यादा, उसे बचाने की है। इसलिए आज एक सुरक्षित लार्जकैप स्टॉक…औरऔर भी

वजह बाहरी हो या भीतरी, हकीकत यही है कि अपने यहां अभी एक शेयर 52 हफ्ते के शिखर पर है तो आठ तलहटी पर। गिरनेवालों में एसीसी, सेंचुरी प्लाई, ग्रासिम इंडस्ट्रीज़ और अल्ट्राटेक सीमेंट जैसे तमाम दिग्गज शामिल हैं। क्या तलहटी पर पहुंचा हर शेयर खरीदने लायक है? नहीं। बस नाम व दाम के पीछे भागे तो वैल्यू ट्रैप में फंस जाएंगे। हमें चुननी होगी मजबूत आधार और अच्छे प्रबंधन वाली कंपनी। लीजिए, ऐसी ही एक कंपनी…औरऔर भी

शुक्रवार को सेंसेक्स के 769.41 अंक (3.97%) व निफ्टी के 234.45 अंक (4.08%) गिरने से अफरातफरी मची है हर तरफ। कहा जा रहा है कि अब गिरावट की तगड़ी मार बाज़ार को झेलनी पड़ेगी। लेकिन दुनिया भर के सफलतम निवेशकों का अनुभव बताता है कि हर बड़ी गिरावट अच्छे स्टॉक्स को सस्ते में खरीदने का बेहतरीन मौका है। लेकिन ऐसे स्टॉक्स को पहचानें कैसे? इसके लिए हम लेकर आए हैं सबसे भरोसमंद सेवा, सबसे सस्ते मूल्य पर…औरऔर भी

निवेशकों को उन्हीं कंपनियों में अपनी बचत लगानी चाहिए जिन्हें वे जानते हों। खासकर तब, जब हवा का रुख उल्टा हो, दिग्गज कंपनियों तक के शेयर पिट रहे हों, तब उन्हें ऐसी कंपनियों को चुनना चाहिए जो मजबूत धरातल पर खड़ी हों। आर्थिक दुविधा और गिरावट के दौर में अपना होमवर्क भी बेहद जरूरी है। यह न केवल अपनी संपदा को बढ़ाने, बल्कि उसे बचाने के लिए भी आवश्यक है। पेश है ऐसी ही एक लार्जकैप कंपनी…औरऔर भी

भाव बढ़ते और गिरते हैं। लंबे निवेश के लिए इसका खास मतलब नहीं। मायने-मतलब है तो मूल्य का। भाव के लिए चुकाए गए धन के एवज में हमें मिलता है मूल्य। भाव हमें दिखता है। मूल्य दिखता नहीं, लेकिन हमारे निवेश की सार्थकता का सार है। भाव शरीर है तो मूल्य चरित्र है, आत्मा है। हम ऐसे ही मूल्यवान शेयरों को बराबर यहां पेश करते रहे हैं। मसलन, अतुल लिमिटेड तीन साल में तीन गुना हो गया…औरऔर भी

देवी-देवताओं का काम भी दो हाथों से नहीं चलता तो इंसान की क्या बिसात! मगर हम अपने गुमान में इतने मशरूफ रहते हैं कि अपनों तक का सहयोग देख नहीं पाते। हकीकत यह है कि जब तक हम सहयोग को भाव नहीं देते, तब तक बड़े नहीं बन सकते।और भीऔर भी