कभी सोचा है आपने कि केवल भारतीय ट्रेडरों और निवेशकों को ही इतनी ज्यादा वोलैटिलिटी, इतना भयंकर झंझावात क्यों झेलना पड़ता है? क्या आपने कभी सुना है कि अमेरिका का डाउ जोन्स सूचकांक लेहमान संकट व डाउनग्रेड जैसे विशेष हालात के अलावा सामान्य स्थिति में कभी दो दिन के अंदर 5% ऊपर-नीचे हुआ हो? लेकिन भारत में हर तीन महीने पर ऐसा होता है। बाजार को 5% का फटका लगता है, निवेशकों की दौलत में भारी सेंधऔरऔर भी

भगवान ने इंसान को बनाया या इंसान ने भगवान को – यह बात मैं दावे के साथ नहीं कह सकता। लेकिन इतना दावे के साथ जरूर कह सकता हूं कि दस के चक्र/क्रम में चलनेवाली गिनतियों को इंसान ने ही बनाया है। इंसान की दस उंगलियां है तो यह चक्र दस का है। उन्नीस होतीं तो यह चक्र उन्नीस का होता। ज्योतिष और अंकों में दिलचस्पी रखनेवाले इस पर सोचें। हम तो फिलहाल यह देखते हैं किऔरऔर भी

इंडिया सिक्यूरिटीज एस्सार समूह की फाइनेंस कंपनी है। केवल बीएसई (कोड – 500204) में लिस्टेड हैं। फिलहाल ऑपरेटर इसे ठोंके पड़े हैं ताकि एकदम नीचे गिराकर इसे बटोरा जा सके। कल, गुरुवार को ही इसे 10.98 फीसदी धुना गया है और यह बुधवार के बंद भाव 49.65 रुपए से सीधे 44.20 रुपए पर पहुंच गया। धुनाई तो इसकी पिछले कई महीनों से चल रही है। अभी महीना भर पहले 8 जून को एक रुपए अंकित मूल्य काऔरऔर भी

कोई चीज बहुत जल्दी, बहुत आसानी से हो जाए तो बहुतों के लिए उसे पचा पाना बहुत मुश्किल होता है। शेयर बाजार जिस तरह से सुधरा है, निफ्टी 5180 और सेंसेक्स 17,770 से जिस तेजी से उठा है, उससे कभी-कभी डर भी लगता है कि कहीं सब फिर से पटरा न हो जाए। वैसे, आपको याद होगा कि बाजार के इन स्तरों पर पहुंचने पर हमने साफ कहा था कि वह अब तलहटी पकड़ चुका है औरऔरऔर भी

ज्ञान की बातें बाद में। पहले कुछ काम की बात। तिलकनगर इंडस्ट्रीज के बारे में जानना चाहते हैं लोग। दक्षिण भारत की इस शराब कंपनी का शेयर 20 जून को घटकर 30.50 रुपए पर आ गया। अभी शुक्रवार, 1 जुलाई को बीएसई (कोड – 507205) में 43.20 रुपए और एनएसई (कोड – TI) में 43.30 रुपए पर बंद हुआ था। बीते साल 10 नवंबर 2010 को यह शेयर 147.80 रुपए के शिखर पर था। हमने भी 24औरऔर भी

दुनिया नाम के पीछे भागती है और दुनिया जिसके पीछे भागती है उसके दाम अपने-आप ही बढ़ जाते हैं, उसकी स्टार-वैल्यू बन जाती है। बेहतर एक्टर होने के बावजूद मनोज बाजपेयी को पान मसाला बेचना पड़ता है और औसत एक्ट्रेस होने के बावजूद प्रियंका चोपड़ा हर तरफ मटकती रहती हैं। आम जीवन का यह सूत्र शेयर बाजार पर भी लागू होता है। लेकिन हमारे बाजार में इसका उल्टा भी चलता है। लोग जिसके पीछे पड़ जाएं, उसेऔरऔर भी

लाइसेंस शर्तों के अनुसार समय पर सेवाएं शुरू नहीं करने वाले ऑपरेटरों का लाइसेंस रद्द करने के मुद्दे पर भारतीय दूरसंचार नियामक प्राधिकरण (ट्राई) और दूरसंचार विभाग (डॉट) के बीच विवाद और गहरा गया है। ट्राई ने दूरसंचार विभाग से कहा है कि वह 69 में से सिर्फ 15 लाइसेंस रद्द करने के विचार पर मामला दर मामला कारण बताए। दूरसंचार मंत्रालय से पत्र मिलने की पुष्टि करते हुए ट्राई के चेयरमैन जे एस शर्मा ने कहा,औरऔर भी

कंपनियों के नतीजों का मौसम खत्म होने को है। अब तक तस्वीर यह बनी है कि जहां इनफोसिस और रिलायंस इंडस्ट्रीज जैसी तमाम बड़े स्तर की कंपनियां बाजार की अपेक्षाओं को पूरा करने में नाकाम रही हैं, वहीं पोलारिस, एचसीएल टेक्नो व हिंदुस्तान जिंक जैसे मध्यम स्तर की कंपनियों ने उम्मीद के बेहतर नतीजे हासिल किए हैं। कुल मिलाकर कॉरपोरेट क्षेत्र का लाभार्जन बीते वित्त वर्ष 2010-11 में पहले से 20 फीसदी ज्यादा रहेगा। लेकिन चालू वित्तऔरऔर भी

कच्चे तेल का हल्ला हमारे लिए बेमतलब है। मध्य-पूर्व में राजनीतिक संकट उभरने के बाद अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल के दाम बढ़ते ही जा रहे हैं। लेकिन इसी दौरान निफ्टी 5400 से 5900 और सेंसेक्स 18,000 से 19,750 तक बढ़ चुका है। मतलब यह कि फिलहाल भारतीय बाजार को गिराने या उठाने के कारकों में तेल का उतना हाथ नहीं है। एक सोच कहती है कि तेल की हालत अर्थव्यवस्था में पलीता लगा देगी और इसलिएऔरऔर भी

हमने एक बार फिर साबित कर दिया है कि एफआईआई भारतीय बाजार को क्यों पसंद करते हैं। इसलिए कि वाजिब तंत्र के न होने और देश के रिटेल व छोटे निवेशकों को अहमियत न दिए जाने के चलते वे जब चाहें, बाजार को अपने हिसाब से नचा सकते हैं। आज समूची दुनिया के बाजारों में माहौल नकारात्मक था। दलाल स्ट्रीट भी बुरे दिन की उम्मीद किए बैठा था। लेकिन भारतीय बाजार में तेजी का चक्र चल गया।औरऔर भी