इतने सारे खरबपति! देते हैं कित्ता टैक्स?
गली-मोहल्ले, गांव, कस्बों व शहरों में कहीं जाकर देख लें। आम भारतीय इतने उद्यमी हैं कि तिनके का सहारा पाकर भी जीने का सलीका खोज लेते हैं। लेकिन बेहतर काम-धंधे व कमाई के लिए उन्हें बेहतर शिक्षा, स्वास्थ्य व कौशल चाहिए। ऐसा कौशल, जो उद्योगों से लेकर सेवा क्षेत्र तक में तेज़ी से इस्तेमाल हो रही मशीनों को चलाना सिखा सके। उद्योग धंधों के लिए यकीनन इंफ्रास्ट्रक्चर और लॉजिस्टिक्स की व्यववस्था चौकस होनी चाहिए। लेकिन जब शिक्षाऔरऔर भी