बेच सके तो बेच
2012-07-13
संत हो या संसारी या हो कलाकार, हर कोई बेचने में जुटा है। इसके बिना किसी का गुजारा नहीं। सत्ता का प्रश्रय भी उसे ही मिलता है जिससे सत्ता को चलाने का तुक मिलता है। आज तो भिखारी भी वही सफल है जो अपनी दयनीयता को बेच लेता है।और भीऔर भी
निर्धन से धनवान
2012-03-24
धन आपके पास तभी तक नहीं है, जब तक या तो आप दूसरों के काम के नहीं बन पाए हैं या दूसरों को आपकी उपयोगिता का पता नहीं है। पहले उपयोगिता, फिर उसकी मार्केटिंग। यही सूत्र है धन बनाने का।और भीऔर भी







