आईआईपी के आंकड़ों में झूठ की खाज, 4.1% फरवरी, 1.1% जनवरी
कहा जाता है कि झूठ तीन तरह के होते हैं – झूठ, शापित झूठ और आंकड़े। इसमें अगर आंकड़े भी खुद झूठे निकल जाएं तो झूठ की तो पराकाष्ठा हो जाती है। मामला कोढ़ में खाज का हो जाता है। गुरुवार को ऐसा ही हुआ, जब सरकार ने फरवरी के औद्योगिक उत्पादन सूचकांक (आईआईपी) के आंकड़ों को जारी करने के साथ ही बताया कि उसने जनवरी में आईआईपी के 6.8 फीसदी बढ़ने की जो बात कही थी,औरऔर भी