नए साल का पहला महीना बीएसई सेंसेक्स और रुपए के लिए ऐतिहासिक बढ़त का महीना रहा है। जनवरी में सेंसेक्स 11.3 फीसदी बढ़ा है। यह पिछले 18 साल में जनवरी के दौरान सेंसेक्स में हुई सबसे ज्यादा बढ़त है। इससे पहले जनवरी 1994 में 19.4 फीसदी बढ़ा था।
इसी तरह भारतीय रुपए के लिए भी जनवरी का महीना पिछले 17 सालों की सबसे ज्यादा बढ़त का साक्षी रहा। इस महीने डॉलर के सापेक्ष रुपया 7.45 फीसदी मजबूत हुआ है। यह 1994 के आखिरी महीने, दिसंबर के बाद रुपए में किसी भी एक महीने में आई सबसे ज्यादा मजबूती है।
बीएसई सेंसेक्स मंगलवार को 1.96 फीसदी बढ़कर 17,193.55 पर बंद हुआ। कल सोमवार को इसमें 2.15 फीसदी की गिरावट दर्ज की गई थी। जनवरी महीने में विदेशी संस्थागत निवेशकों (एफआईआई) ने करीब 200 करोड़ डॉलर की शुद्ध खरीद की है, जबकि साल 2011 में उन्होंने शुद्ध रूप से करीब 50 करोड़ डॉलर निकाले थे। साथ ही इस महीने एफआईआई ने ऋण प्रपत्रों में 330 करोड़ डॉलर लगाए हैं।
टॉरस म्यूचुअल फंड के प्रबंध निदेशक आर के गुप्ता का कहना है, “यह रैली वैश्विक कारकों का नतीजा है, खासकर ग्रीस में हो रहे विकासक्रम की।” इस हफ्ते ग्रीस को सहायता की अगली किश्त मिल जाने की उम्मीद है।
रुपए की बात करें तो मंगलवार को वो डॉलर के सापेक्ष 49.32 से 49.74 रुपए की रेंज में घूमने के बाद 49.44/45 रुपए पर बंद हुआ। बीएनपी परिबास के वरिष्ठ विदेशी मुद्रा विश्लेषक चिन थियो का कहना है कि ब्याज दरों के चरम पर पहुंचने और मुद्रास्फीति के थमने के बाद बाहर से पूंजी का प्रवाह बढ़ गया है। इन्हीं वजहों से रुपया बढ़ रहा है।