दुनिया की पांच सबसे तेजी से बढ़ रही अर्थव्यवस्था वाले देशों – ब्राजील, रूस, भारत, चीन व दक्षिण अफ्रीका (ब्रिक्स) ने खुलकर आरोप लगाया है कि अमीर देशों ने पिछले पांच सालों से दुनिया को वित्तीय संकट में झोंक रखा है। उनकी मौद्रिक नीतियों ने विश्व अर्थव्यवस्था को अस्थिर कर दिया है। दिल्ली में ब्रिक्स के चौथे शिखर सम्मेलन के बाद जारी संयुक्त घोषणापत्र में यह धारणाएं व्यक्त की गई हैं। घोषणापत्र में कहा गया है किऔरऔर भी

विश्व अर्थव्यवस्था प्राकृतिक आपदा या आतंकवादी हमले से होनेवाली व्यापक तबाही ज्यादा से ज्यादा एक हफ्ते तक झेल सकती है क्योंकि सरकारों या उद्योग-धंधों ने ऐसी अनहोनी के लिए पर्याप्त तैयारी नहीं कर रखी है। यह आकलन है दुनिया के एक प्रतिष्ठित चिंतन केंद्र, चैथम हाउस का। चैथम हाउस लंदन का एक संस्थान है जो अंतरराष्ट्रीय मसलों से संबंधित नीतियों पर नजर रखता है। दुनिया भर के नीति-नियामकों के बीच इसकी बड़ी साख है। चैथम हाउस नेऔरऔर भी

लगातार दो महीने तक जोरदार तेजी दिखाने के बाद जुलाई में देश में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआई) 38 फीसदी घटकर 1.09 अरब डॉलर रह गया है। वित्त मंत्रालय के एक अधिकारी ने यह जानकारी दी। पिछले साल जुलाई देश में 1.78 अरब डॉलर का विदेशी निवेश आया था। बता दें कि जून माह में देश में एफडीआई का प्रवाह सालाना आधार पर 310 फीसदी बढ़कर 11 साल में किसी भी महीने के रिकॉर्ड स्तर 5.65 अरब डॉलरऔरऔर भी