बाजार ने 5200 से करीब-करीब 5800 तक का लंबा सफर तय कर लिया, जबकि तमाम महारथी इसके 4700 व 4800 तक पहुंचने की आस लगाए बैठे रहे। हमने आज आखिरी सेटलमेट के साथ साल का अंत कर दिया है। कल से होनेवाला कोई भी सौदा नए वित्त वर्ष के पहले सेटलमेंट में गिना जाएगा। इस मुकाम पर बाजार फिलहाल ओवरबॉट स्थिति में पहुंच गया लगता है। पंटर लोग इसके 5910 पर पहुंचने की उम्मीद लगाए हुए हैंऔरऔर भी

म्यूचुअल फंडों की तरफ से अपने एनएवी (शुद्ध आस्ति मूल्य) को संभालने की कवायत जारी है। निफ्टी 200 दिनों के मूविंग औसत (डीएमए) के साथ-साथ साधारण मूविंग औसत (एसएमए) को भी पार गया है जो अब बढ़त की दिशा पकड़ने का साफ संकेत दे रहा है। आज सेंसेक्स 19,000 और निफ्टी 5700 के ऊपर चला गया। बाजार आधा फीसदी से ज्यादा बढ़त लेकर बंद हुआ है। लेकिन मेरे सभी दोस्त अब भी निफ्टी के 4700 व 4800औरऔर भी

फंडामेंटल जस के तस, फिर भी बाजार खटाखट 1000 अंक ऊपर चला गया! लोगों को अचानक अर्थव्यवस्था व कॉरपोरेट क्षेत्र की मजबूती का इलहाम हो रहा है। लेकिन हम लगातार इस सच से निवेशकों को वाकिफ कराते रहे हैं कि ताकि उनका विश्वास गिरने न पाए। हालांकि हमें यह भी पता है कि निवेशक जो देखते-सुनते हैं, अफवाहों की ताकतवर मशीनरी जैसा उन्हें समझाती है, वे उसी में बह जाते हैं। हर कोई अर्थशास्त्री, राजनीतिज्ञ और मार्केटऔरऔर भी

हम लीक से हटकर सोचते और बोलते रहे। भारतीय अर्थव्यवस्था के प्रति एक दृढ़ व सकारात्मक धारणा पर डटे रहे। आज हम सही साबित हो गए। सेंसेक्स व निफ्टी दोनों करीब ढाई फीसदी की बढ़त ले चुके हैं। निफ्टी निर्णायक तौर पर 5600 के पार चला गया। इस महीने ऐसा हो जाएगा, इसकी कल्पना तक बाजार के भाई लोगों ने कतई नहीं की थी। हर कोई बाजार के डूबने की ही भविष्यवाणी कर रहा था। स्थिति यहऔरऔर भी

बाजार के 5185 अंक तक नीचे चले जाने के बाद हम तीसरी बार 5600 का स्तर छूने की राह पर हैं। बस, 75 अंक का फासला और बचा है। पहली दो बार हालात थोड़ा परेशान करनेवाले और नकारात्मक थे। लेकिन इस बार कच्चे तेल के अलावा ऐसा कोई बड़ा कारक नहीं दिख रहा। बल्कि बजट का पारित होना, कॉरपोरेट नतीजों का दौर, विश्व अर्थव्यवस्था की बेहतर स्थिति, एफआईआई की तरफ से हो रहे अपग्रेड़, वित्त वर्ष केऔरऔर भी

बाजार होली के बाद से ही रंग में आता दिख रहा है। आज भी सेंसेक्स और निफ्टी में लगभग 1.25 फीसदी की बढ़त हुई है। सेंसेक्स 18,200 और निफ्टी 5480 से ऊपर पहुंच गया है। मैं तो अब दिनों की गिनती में लग गया हूं क्योंकि मुझे यकीन है कि इस सेटलमेंट में निफ्टी 5600 तक पहुंच जाएगा। हालांकि बाजार के तमाम लोग जरा-सा बढ़ते ही गिरने की उम्मीद लगाए शॉर्ट सेलिंग शुरू कर देते हैं। वेऔरऔर भी

दुनिया के बाजार जापान की बात बिसूर चुके हैं, जबकि भारतीय बाजार अब भी अपनी लय पकड़ने की जद्दोजहद में लगा है। यह दिखाता है कि भारत की गति दुनिया से भिन्न है। विश्व बाजार से भारत के असंपृक्त या जुदा होने और पूरी तरह समाहित होने के दोनों ही सिद्धांत गलत साबित हो चुके हैं। असल में भारत में एक ही सिद्धांत चलता है और वह है गठजोड़ का सिद्धांत। यहां गठजोड़ से सरकार चलती है।औरऔर भी

जापान में हालात सामान्य होने लगे हैं। फुकुशिमा परमाणु संयंत्र के सभी छह रिएक्टरों में बिजली बहाल हो गई है। यहां से जापान में पुनर्निर्माण की प्रक्रिया शुरू होगी और वहां की नई मांग से दुनिया में जिंसों के भाव बढ़ सकते हैं। इस बीच लीबिया पर पश्चिमी देशों के सैन्य हमलों के बाद कच्चे तेल के दाम फिर उठने लगे हैं। लेकिन यह मसला भी जल्दी ही सुलझ जाएगा। गद्दाफी लंबे समय तक खुद को बचाएऔरऔर भी

बीते हफ्ते जापान जैसा बड़ा संकट हो गया। फिर भी भारतीय बाजार ने अपनी दृढ़ता व लचीलेपन का परिचय दिया है। निफ्टी 5400 से नीचे नहीं गया। यहां तक कि शुक्रवार को भी इसने बहादुरी से 5400 पर खुद को टिकाने की कोशिश की। लेकिन भारतीय बाजार पर मंदड़ियों के एकजुट हमले और बाजार में गहराई के अभाव के चलते यह 5400 से नीचे 5373.70 पर बंद हुआ। यह जानामाना सच है कि भारत सरकार को भारतीयऔरऔर भी

बाजार एक बार फिर 5400 से 5500 की रेंज तोड़कर नीचे चला गया। निफ्टी 5367 तक जा पहुंचा और मंदड़ियों की मौज हो गई है। वे आज तीन लंबी-लंबी अफवाहें फेंकने में कामयाब रहे। एक यह कि बीजेपी विकीलीक्स के ताजा खुलासे के बाद सरकार से सदन में बहुमत साबित करने की मांग करेगी, जिसकी कोई संभावना नहीं है। दो, जापान के फंड भारत से निकलना चाहते हैं जो फिर संभव नहीं है और इसे नोमुरा सिक्यूरिटीजऔरऔर भी