लोकतंत्र का लोचा
ये कैसा लोकतंत्र है जहां हम हर पांच साल पर सुशासन नहीं, कुशासन के लिए अपने राजनीतिक प्रतिनिधियों का चुनाव करते हैं? ये कैसा जनतंत्र है जहां हमें अपनी बुद्धि व समझ से नहीं, बॉस के आदेश के हिसाब से काम करना पड़ता है?और भीऔर भी
आईएमएफ के सारे के सारे ईडी अब चुने जाएंगे
दुनिया की शीर्ष वित्तीय संस्था, अंतरराष्ट्रीय मुद्राकोष (आईएमएफ) में बदलते वक्त के हिसाब से जबरदस्त परिवर्तन किए जा रहे हैं। अभी तक आईएमएफ के कुल 187 सदस्य देशों में से पांच बड़े सदस्य – अमेरिका, जापान, जर्मनी, फ्रांस व ब्रिटेन 24 सदस्यीय कार्यकारी बोर्ड में अपने प्रतिनिधियों को सीधे बतौर कार्यकारी निदेशक (ईडी) नियुक्त कर देते हैं, जबकि बाकी का चुनाव होता है। लेकिन अब बोर्ड के सारे सदस्य आईएमएफ की आमसभा में चुने जाएंगे। आईएमएफ काऔरऔर भी
भ्रष्टाचार मिटाने के सूत्र
देश से भ्रष्टाचार मिटाने के दो सूत्र – एक, राजनीतिक दलों की फंडिंग की पारदर्शी व्यवस्था हो। दो, चुनावों में आनुपातिक प्रतिनिधित्व की प्रणाली अपनाई जाए ताकि व्यक्ति के बजाय लोग पार्टी को तरजीह दें।और भीऔर भी