दुनिया की शीर्ष वित्तीय संस्था, अंतरराष्ट्रीय मुद्राकोष (आईएमएफ) में बदलते वक्त के हिसाब से जबरदस्त परिवर्तन किए जा रहे हैं। अभी तक आईएमएफ के कुल 187 सदस्य देशों में से पांच बड़े सदस्य – अमेरिका, जापान, जर्मनी, फ्रांस व ब्रिटेन 24 सदस्यीय कार्यकारी बोर्ड में अपने प्रतिनिधियों को सीधे बतौर कार्यकारी निदेशक (ईडी) नियुक्त कर देते हैं, जबकि बाकी का चुनाव होता है। लेकिन अब बोर्ड के सारे सदस्य आईएमएफ की आमसभा में चुने जाएंगे। आईएमएफ का हर सदस्य देश अपनी सरकार से इन संशोधनों को पारित करा रहा है।
शुक्रवार को हमारे केन्द्रीय मंत्रिमंडल ने आईएमएफ के कार्यकारी बोर्ड में सुधार से संबंधित संशोधनों को अपनी स्वीकृति दे दी। ये संशोधन आईएमएफ के कोटा आवंटन और प्रशासनिक सुधारों के पैकेज का हिस्सा हैं। हाल के कोटा सुधारों के साथ-साथ ये संशोधन मुद्राकोष के कोटा आवंटन और प्रशासन को नया रूप देंगे और मुद्राकोष में वाजिब प्रतिनिधित्व को बढ़ाएंगे।
असल में आईएमएफ के प्रशासनिक ढांचे में अब नई वैश्विक वास्तविकता के अनुरूप उभरते बाजारों और विकासशील देशों को अधिक प्रतिनिधित्व मिल सकेगा। इसके लिए उन्नत यूरोपीय देशों के दो कार्यकारी निदेशक कम करने के बारे में सहमति हो गई है। इनकी जगह उभरते व विकासशील देशों के प्रतिनिधि लाए जाएंगे।