अपनी ऑडिट रिपोर्टों से देश की राजनीति में तहलका मचानेवाले कैग (भारत के नियंत्रक व महालेखापरीक्षक) की पहुंच अब संयुक्त राष्ट्र के दो प्रमुख संगठनों तक भी हो गई है। विएना मुख्यालय वाली अंतरराष्ट्रीय परमाणु ऊर्जा एजेंसी (आईएईए) और जेनेवा मुख्यालय वाले विश्व बौद्धिक संपदा संगठन (डब्ल्यूआईपीओ) ने कैग को अपना बाहरी ऑडिटर नियुक्त किया है। यह नियुक्ति छह साल के लिए है।
इन दोनों ही संगठनों पर अभी तक पारंपरिक रूप से विकसित देशों का कब्जा रहा है। यह पहली बार है कि यूरोप के बाहर की किसी शीर्ष ऑडिट संस्था को अंकेक्षण के लिए चुना गया है। भारतीय संस्था कैग ने यह काम ब्रिटेन, स्पेन व नॉरवे जैसे विकसित देशों को होड़ में पीछे छोड़कर हासिल किया है।
शुक्रवार को वित्त मंत्रालय की तरफ से जारी सूचना में कहा गया है कि दुनिया के इन दो शीर्ष संगठनों में बाहरी ऑडिटर के रूप में नियुक्ति कैग की प्रोफेशनल दक्षता व अंकेक्षण प्रतिभा को साबित करती है। अंतरराष्ट्रीय समुदाय ने कैग की काबिलियत व निष्पक्षता को स्वीकारा है। वैसे भी भारत के नियंत्रक व महालेखापरीक्षक संयुक्त राष्ट्र व उसकी एजेंसियों के बाहरी ऑडिटरों के पैनल में शामिल हैं। वे अंकेक्षण से जुड़ी कई अंतरराष्ट्रीय संस्थाओं के गवर्निंग बोर्ड में भी मौजूद हैं।