अक्टूबर-दिसंबर 2010 की तिमाही में एडवांस टैक्स देने के मामले में इस बार बैंकों ने बाजी मार ली है। एलआईसी व दूसरी वित्तीय संस्थाओं ने भी इस बार पिछले साल की तुलना में ज्यादा एडवांस टैक्स भरा है। सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार देश के सबसे बड़े बैंक, भारतीय स्टेट बैंक ने इस तिमाही में 1850 करोड़ रुपए का एडवांस टैक्स भरा है जबकि पिछले साल की इसी तिमाही में उसने 1795 करोड़ रुपए जमा कराएऔरऔर भी

गाढ़ी कमाई के पैसे पर कोई अय्याशी नहीं करता। आसानी से मिले पैसे ही उड़ाए जाते हैं। मान लीजिए किसी ने दस साल में मेहनत से 50 लाख रुपए जुटाए हैं तो वह इसका बहुत हुआ तो 10 फीसदी हिस्सा ही कार, विदेश यात्रा और मौजमस्ती पर खर्च करेगा। लेकिन अगर किसी ने एक झटके में इतनी रकम बनाई है तो 100 फीसदी रकम वह महंगी कार, विदेश यात्रा, बिजनेस क्लास में सफर और फाइव स्टार होटलोंऔरऔर भी

सिस्टम में तरलता की कमी का जरा-सा संकेत मिलते ही रिजर्व बैंक मैदान में उतर आया है। उसने तय किया है कि बैंक चल निधि समायोजन सुविधा (एलएएफ) के तहत कभी भी रिजर्व बैंक से अपनी कुल जमा का 0.5 फीसदी हिस्सा उधार ले सकते हैं। साथ ही एलएएफ सुविधा बैंकों को अब दिन में एक के बजाय दो बार दी जाएगी। रिजर्व बैंक का ताजा फैसला शुक्रवार 28 मई, 2010 से लागू हो जाएगा। लेकिन उसनेऔरऔर भी