केंद्रीय हिंदी संस्थान, आगरा द्वारा पिछ्ले तीन वर्षों से हिंदी लोक शब्दकोश परियोजना चलाई जा रही है। इस परियोजना के अंतर्गत हिंदी की 48 लोकभाषाओं के डिजिटल और मुद्रित त्रिभाषी (लोकभाषा-हिंदी-अंग्रेजी) कोश बनने हैं। इन लोक शब्दकोशों में उन शब्दों का संग्रह किया जाना है जो विलुप्तप्राय हैं या विलुप्त हो गए हैं। परियोजना का मूल उद्देश्य हिंदी की शाब्दिक संपदा को समृद्ध करने के साथ-साथ लोक के बीच बोलचाल के लिए इस्तेमाल होनेवाले शब्दों का संरक्षणऔरऔर भी

कोमा में जाने या मरने पर हम विचार-शून्य, भाव-शून्य, शब्द-शून्य हो जाते हैं। लेकिन क्या जीते-जी ऐसा संभव है जब हमें सिर्फ नाद सुनाई दे, जब हम सारे शब्दों-विकारों से मुक्त होकर दुनिया को देख सकें?और भीऔर भी

कोई आपकी तारीफ कर देता है तो कैसे फूल के कुप्पा हो जाते हो आप! फिर कैसे आपकी ऊर्जा बल्ले-बल्ले करने लगती है! यही दूसरों के साथ भी होता है। तारीफ के दो बोल उनका दिन संवार देते हैं, रंगत निखार देते हैं।और भीऔर भी

कोई चीज खो जाए तो ढूंढने पर मिल सकती है। लेकिन कोई विचार खो जाए तो लाख ढूंढे नहीं मिलता। शब्द उड़ जाते हैं तो विचार खो जाता है। बस, बचती है एक कचोट। इसलिए लिख लिया कीजिए। लिखना जरूरी है।और भीऔर भी