राजीव गांधी इक्विटी सेविंग्स स्कीम की सारी खानापूरी हो चुकी है। 23 नवंबर को वित्त मंत्रालय ने गजट नोटिफिकेशन जारी कर दिया और 6 दिसंबर को पूंजी बाजार नियामक, सेबी ने सर्कुलर जारी कर दिया। इन दोनों को पढ़कर आप स्कीम के सारे नुक्तों से वाकिफ हो सकते हैं। सबसे खास बात यह है कि ये उन बचतकर्ताओं के लिए है जिन्होंने अभी तक शेयर बाजार में निवेश नहीं किया है। हालांकि इसमें वे निवेशक भी शामिलऔरऔर भी

सार्वजनिक अस्पतालों को चलाने के लिए सरकार को सब्सिडी देनी पड़ती है, जबकि निजी अस्पताल महंगे होने के बावजूद लोगों से पटे रहते हैं और करोड़ों का मुनाफा कमाते हैं। यह मानसिकता और पद्धति का सवाल है। ब्रिटेन में सब्सिडी चलती है तो हेल्थकेयर सिस्टम पिटा पड़ा है। जर्मन में स्वास्थ्य बीमा चलता है तो हेल्थकेयर सिस्टम चकाचक है। भारत में सब घालमेल है। लेकिन ‘जान है तो जहान है’ और परिजनों के लिए कुछ भी करनेवालेऔरऔर भी

इंडियन मेटल एंड फेरो एलॉयज (बीएसई कोड – 533047, एनएसई कोड – IMFA) देश में फेरोक्रोम की सबसे बड़ी निर्माता है। दुनिया में फेरो एलॉयज की सबसे बड़ी निर्माताओं में शुमार है। हमने अपने चक्री चमत्कार कॉलम में सबसे पहले इसका जिक्र इस साल मार्च में किया था। तब इसका 10 रुपए अंकित मूल्य का शेयर 560 रुपए के आसपास चल रहा था। अभी 729 रुपए पर है। इस बीच 4 मई को इसने 899.95 रुपए परऔरऔर भी

नितिन फायर प्रोटेक्शन इंडस्ट्रीज (बीएसई कोड – 532854, एनएसई कोड – NITINFIRE) तीन दशक पुरानी कंपनी है। तमाम अग्निशामक उपकरणों के साथ ही सीएनजी सिलेंडर भी बनाती है। राजस्थान के एक ऑयल ब्लॉक से कच्चा तेल निकालने के लिए बने कंसोर्टियम में भी 10 फीसदी हिस्सेदारी रखती है। उसकी एक सब्सिडियरी ने दुबई की एक फायर प्रोटेक्शन कंपनी में 40 फीसदी हिस्सेदारी ले रखी है। चालू वित्त वर्ष 2010-11 में जून की तिमाही में उसकी आय 67.3औरऔर भी

नवनीत पब्लिकेशंस का उस नवनीत पत्रिका से कोई वास्ता नहीं है जिसके संपादक विश्वनाथ सचदेवा हैं। यह कंपनी तो स्कूली बच्चों की किताबों के प्रकाशन और स्टेशनरी का व्यवसाय करती है। और, क्या खूब करती है। नवनीत पब्लिकेशंस ने मार्च 2010 में खत्म हुए वित्त वर्ष 2009-10 में 523.31 करोड़ रुपए की बिक्री पर 68.47 करोड़ रुपए का शुद्ध लाभ कमाया है। केवल मार्च 2010 की तिमाही की बात करें तो उसकी बिक्री 100.61 करोड़ व शुद्धऔरऔर भी

लोटस आईकेयर हॉस्पिटल में आज धमाका हो सकता है। बीएसई में जहां पिछले दो हफ्तों में इसमें औसतन 2.31 शेयरों का कारोबार होता था, वहीं कल मंगलवार को इसमें 16.37 लाख शेयरों का कारोबार हुआ है। इसमें से 42.25 फीसदी यानी 6.92 लाख शेयरों के सौदे डिलीवरी के लिए हैं। इसी तरह एनएसई में इसके 15.05 लाख शेयरों में ट्रेडिंग हुई, जिसमें से 4.12 लाख शेयर (27.41 फीसदी) डिलीवरी के लिए थे। यानी, इसमें ट्रेडरों व निवेशकोंऔरऔर भी

गिलैंडर्स आर्बुथनॉट का नाम ही बड़ा अटपटा है। यह है तो कोलकाता के जी डी कोठारी समूह की कंपनी। लेकिन इसकी स्थापना एफ एम गिलैंडर्स और जी सी आर्बुथनॉट ने साल 1819 में एक पार्टनरशिप फर्म के रूप में की थी। यह 1935 में प्राइवेट लिमिटेड और 1947 में पब्लिक लिमिटेड कंपनी बनी। आजादी के बाद इसका स्वामित्व जी डी कोठारी समूह के पास आ गया। कंपनी चाय के बगानों से लेकर कंसट्रक्शन व रीयल एस्टेट, टेक्सटाइलऔरऔर भी

बाजार लगातार गिर रहा है। वजह बताई जा रही है यूरोप का ऋण संकट। लेकिन यूरोप का नेतृत्व संकट के समाधान की पुरजोर कोशिश में लगा है। पूरे सप्ताहांत यूरो जोन के 16 देशों के नेता इसी मशक्कत में जुटे रहे। कुछ विशेषज्ञों का कहना है कि ग्रीस 2012 तक संकट से पूरी तरह बाहर निकल आएगा। इस तरह विश्व मंच पर हल्का-सा आशावाद दिख रहा है। ऐसे में संभव है कि आज भारतीय बाजार पर इसऔरऔर भी