शेयर बाज़ार को लेकर बहुतों को लगता है कि यहां हर महीने आराम से 15-20% रिटर्न कमाया जा सकता है। कुछ तो ऐसा स्टॉक पूछते हैं जिसमें दो-तीन महीने में धन कई गुना हो जाए। इस लालच का फायदा उठाकर ठग उनकी सारी जमापूंजी साफ कर जाते हैं। जब अच्छे से अच्छे बिजनेस में सालाना रिटर्न 20-25% से ज्यादा नहीं होता तो कोई शेयर इसे कैसे मात कर सकता है? अब तथास्तु में आज एक बड़ी कंपनी…औरऔर भी

जिस तरह खुद दवा लेना स्वास्थ्य के लिए खतरनाक है, उसी तरह मनमर्जी से निवेश करना वित्तीय सेहत के लिए घातक हो सकता है। लेकिन आज डॉक्टर तो हर बाज़ार व मोहल्ले में मिल जाएंगे, जबकि वित्तीय सलाहकार नहीं मिलते। बहुत हुआ तो बीमा एजेंट मिलते हैं जिनका मुख्य मकसद कमीशन कमाना है। ऐसे में आम निवेशक को मजबूरन खुद अपना वित्तीय सलाहकार बनना पड़ता है। बड़ी कठिन चुनौती है यह। अब तथास्तु में आज की कंपनी…औरऔर भी

निवेश करना, कभी-कभी मेरे दिल में ख्याल आता है, टाइप चीज़ नहीं है। न ही जोश का निवेश फलदायी होता है। शेयर बाज़ार में निवेश करते वक्त आप ऐसी कंपनी पर दांव लगा रहे होते हैं जिसका प्रबंधन आप से स्वतंत्र है। इसलिए दो बातों को समझना ज़रूरी है। एक, उसका बिजनेस मॉडल कितना चौकस है। दो, निवेश तभी करें जब शेयर का भाव पर्याप्त सुरक्षा मार्जिन दे रहा हो। अब तथास्तु में आज की संभावनामय कंपनी…औरऔर भी

अगर आपको लंबे समय का कामयाब निवेशक बनना है तो पहले कुशल जासूस बनना होगा। हर कंपनी एक अलग तरह का रहस्य है जिसे आपको सुलझाना है। आपको सही सवाल पूछने की कला विकसित करनी होगी। अपने दिमाग को इस तरह प्रशिक्षित करना होगा कि वह कंपनियों के बीच उभर रहे पैटर्न को खटाक से पकड़ सके। करना आपको ही होगा। बाहर से तो केवल मदद ही मिल सकती है। अब तथास्तु में एक और संभावनामय कंपनी…औरऔर भी

सागर उफान पर होता है तो नदियां ही नहीं, नाले भी उफनते लगते हैं। गधे और खच्चर भी तैरते लगते हैं। अपने शेयर बाज़ार का फिलहाल यही हाल है। ज्यादातर अच्छे शेयर कुलांचे मारते जा रहे हैं। बेकार कंपनियों के शेयर भी फालतू चमकने लग गए हैं। ऐसे में सुरक्षित निवेश लायक शेयरों को खोज निकालना भूसे के ढेर में सुई खोजने जैसा काम हो गया है। फिर भी पेश है तथास्तु में एक और संभावनामय कंपनी…औरऔर भी

आम हिंदुस्तानी के पास क्या है? हुनर और अपनी मेहनत। दो-चार एकड़ खेत हैं तो उससे गुजारे से ज्यादा कुछ नहीं चलता। करीब 60% लोग खुशकिस्मत हैं जिन्हें साल भर काम मिल पाता है। बाकी 40% या तो बेरोज़गार हैं या साल में कुछ ही महीने काम पाते हैं। जाहिर है कि अपने यहां शेयर बाज़ार मुठ्ठीभर लोगों के लिए है। इसे बढ़ाना है तो काम-धंधे और समृद्धि को बढ़ाना होगा। अब तथास्तु में आज की कंपनी…औरऔर भी

शेयर बाज़ार जब चढ़ रहा होता है तब आम निवेशक अक्सर अच्छे स्टॉक्स को बेचकर फायदा कमा लेते हैं, जबकि बुरे स्टॉक्स से चिपके रहते हैं, इस उम्मीद में कि तेज़ी की गंगा में वो भी कुछ फायदा दिला देंगे। लेकिन सही सोच है अच्छे व अच्छाई को धारण करो, बुरे व बुराई से निजात पाओ। हमें निवेश करते वक्त बुरे धन, बुरी एकाउंटिंग और बुरे बिजनेस से दूर रहना चाहिए। अब तथास्तु में आज की कंपनी…औरऔर भी

पिछले दो हफ्ते में निफ्टी का 2.27% गिरकर 10,000 से नीचे आ जाना लंबे समय के निवेशकों के लिए सुखद है। गुब्बारे का पिचकना अच्छा है। कारण, सूचकांक में शामिल हर पांच में कम से कम दो कंपनियों की वित्तीय सेहत खराब है। कर्ज की फांस उन्हें दबोचे हुए है। ऐसे में चढ़े बाज़ार के भ्रम में नहीं आना चाहिए। निवेश तभी करें, जब उसमें रिटर्न मिलने की पूरी गुंजाइश हो। अब तथास्तु में आज की कंपनी…औरऔर भी

रुपया, अमेरिकी डॉलर या यूरोपीय यूरो। अपने-आप में इन मुद्राओं का कोई मूल्य नहीं। वास्तव में वो महज कागज का टुकड़ा हैं, माया हैं। उनका मूल्य इससे बनता है कि उनमें माल या सेवा खरीदने की कितनी औकात है। इसी तरह कंपनी में निवेश करते वक्त हमें सिर्फ यही नहीं देखना चाहिए कि उसके शेयर का भाव क्या है, बल्कि यह भी कि उसकी औकात या मूल्य क्या है। आज पेश है तथास्तु में एक मूल्यवती कंपनी…औरऔर भी

टमाटर वही, रुपया वही। लेकिन पहले सौ रुपए में दस किलो मिलता था, अब एक किलो। उपयोगिता वही, मूल्य वही। लेकिन भाव चढ़ गया है। मामला सीजनल है। अगले सीजन तक फिर उतर जाएगा। शेयर बाज़ार में बहुत से शेयरों का भी यही हाल है। ऐसे में हमें बहुत सावधानी से वही कंपनियां चुननी चाहिए जिनका मूल्य सीजनल न हो, बराबर चढ़ता रहे और भाव उसी हिसाब से बढ़ता रहे। तथास्तु में आज ऐसी ही एक कंपनी…औरऔर भी