बाजार में अगर 170 अंक का करेक्शन आया तो यह कोई दुनिया से अलहदा बात नहीं थी क्योंकि दुनिया के बाजारों में इससे ज्यादा गिरावट आई है। एक बार फिर देखा गया कि बाजार गिरने के अंदेशे में लोग शॉर्ट सौदे करने लगते हैं, बगैर इसकी परवाह किए कि अभी देश में कितनी बढ़त और खरीद की संभावना है। चीन अपना सीआरआर (बैंकों की जमा का वह हिस्सा जो उन्हें देश के केंद्रीय बैंक के पास नकदऔरऔर भी

कल मेंने निफ्टी में सबसे बड़ा रोलओवर देखा जो साफ-साफ बताता है कि बाजार अब तेजड़ियों के कब्जे में आ गया है। मानसून का पहलू बाजार को कई तरीके से प्रभावित कर रहा है। अच्छे निवेश के आगम से बाजार अब काफी ऊंचाई तक पहुंचने का रुख कर रहा है। हम वित्त वर्ष 2009-10 को पीछे छोड़ रहे हैं और यकीनन यह शानदार विकास का साक्षी रहा है। अब हम नए वित्त वर्ष 2010-11 में कंपनियों कीऔरऔर भी

आज लिखने को बहुत कुछ नहीं है। बाजार में बढ़त दर्ज की गई है। लेकिन सब लस्मट-पस्टम ही था क्योंकि रोलओवर चल रहा है। मेटल क्षेत्र के शेयरों के अलावा बाकी कहीं कोई चमक नहीं दिखी। मेटल शेयरों में शुक्रवार को करेक्शन आ चुका था, इसलिए आज रोलओवर के दौरान उनमें सुधार का सिलसिला चला। हालांकि बी ग्रुप के शेयरों में सक्रियता साफ नजर आई। जेवीएल, एनकेआई, एडसर्व, हरियाणा शिप ब्रेक, केईडब्ल्यू, वारेन टी, एलनेट, पीबीएम पॉलिटेक्सऔरऔर भी

बाजार (बीएसई सेंसेक्स) आज 120 अंक बढ़कर बंद हुआ। मेरे अनुमान के अनुरूप ग्रीस का मसला बाजार के लिए बेमानी निकला और निफ्टी 5300 ही नहीं, उसके ऊपर का स्तर भी पार कर गया। बैंकिंग क्षेत्र में सक्रियता रही, खासकर आईडीबीआई में आग-सी लगी रही। एसबीआई ने यकीकन रैली की अगुआई की, लेकिन महंगा होने के कारण यह ट्रेडरों की पहुंच से बाहर है। जेपी और लार्सन भी अच्छे-खासे जोश में नजर आए। निफ्टी में 5440 कीऔरऔर भी

मुझे लग रहा था कि बाजार आज से ही यू-टर्न ले लेगा। एफआईआई के रुख से भी ऐसा लग रहा था। कल जो बिकवाली चली, वह तो रूटीन कामकाज का हिस्सा थी जब एफआईआई और ऑपरेटर ऐसा माहौल बनाने की कोशिश करते हैं जिससे ट्रेडर व निवेशक डर जाएं। और, ऐसा करने में वे सफल भी रहे। मुझे अच्छे-खासे लोगों ने फोन करके कहा कि बाजार बैठने वाला है। दूसरी अफवाह यह चली कि मौद्रिक नीति मेंऔरऔर भी

बाजार में चर्चा चल निकली है कि अभी दाम ज्यादा चढ़े हुए हैं और अब करेक्शन या गिरावट आने को है। लेकिन मुझे नहीं लगता कि फौरन ऐसा कुछ होनेवाला है। मैंने ब्लूमबर्ग पर काफी तेज किस्म के एक फंड मैनेजर की टिप्पणी पढ़ी। इसे पढ़ने के बाद मैं मानता हूं कि अभी किसी भी फंड मैनेजर के लिए मंदी या गिरावट की धारणा पाल लेना काफी जल्दबाजी होगी। वो यह गलती सेंसेक्स के 8000 अंक परऔरऔर भी

मुझे अपने स्तर पर पता है कि बाजार के एक स्मार्ट ऑपरेटर ने निफ्टी में 5300 के स्तर पर कुछ शॉर्ट सौदे किए हैं। हालांकि वह तमाम शेयरों के साथ ही बाजार में तेजी आने की धारणा रखता है। असल में उसने शॉर्ट कॉल महज इसलिए दी है क्योंकि वह जांचना चाहता है कि निफ्टी में 5350 पर कोई रुकावट बन रही है या नहीं। उसे खुद लगता है कि अगले 12 महीनों में निफ्टी 7000 तकऔरऔर भी

खाद्य मंत्रालय ने घोषणा की है कि इस साल खाद्यान्न उत्पादन 160 लाख टन रहेगा जो 145.7 लाख टन के अनुमान से करीब 9 फीसदी ज्यादा है। मेरी राय में यह खाद्य पदार्थों से उपजी मुद्रास्फीति को नीचे लाने के लिए पर्याप्त है। मुद्रास्फीति वैसे भी इस समय बहुत ज्वलंत मुद्दा बनी हुई है और खाद्य पदार्थों की मुद्रास्फीति में कमी का हर संकेत स्वागतयोग्य है। दूसरी तरफ इस तिमाही में कंपनियों की आय शानदार रहेगी। अमेरिकीऔरऔर भी

बाजार का रुख आज अच्छा और स्थिर रहा क्योंकि वित्त वर्ष के अंत में अब बस दो दिन ही बचे हैं। बाजार का रुख तय करने में कुछ हद तक एनएवी (शुद्ध आस्ति मूल्य) के दबाव की भी भूमिका है। दुनिया के बाजार भी स्थिर हैं। मेरा मानना है कि इस अप्रैल में ब्याज दरें बढ़ाए जाने की कोई संभावना नहीं है। फिर भी असल में क्या होता, इसे बता पाना किसे के लिए संभव नहीं है।औरऔर भी

आईपीएल के मूल्याकंन पर हमारे विचार न केवल एक्सक्लूसिव थे, बल्कि बाजार की उम्मीदों से काफी जुदा थे। कोई भी एनालिस्ट आईपीएल के लिए 22.5 करोड़ डॉलर से ऊपर नहीं जा सका क्योंकि एक तो उनके पास सही नजरिया नहीं है और दूसरे वे आशावादी से कहीं ज्यादा निराशावादी हैं। हालांकि हमने इंडिया सीमेंट पर अपनी रिपोर्ट मे शुरुआत में इसका मूल्य 25 करोड़ डॉलर आंका था। लेकिन हमने यकीन के साथ कहा था कि यह 30औरऔर भी