शुक्रवार को रिजर्व बैंक की घोषणा से पहले ही हमने कह दिया था कि ब्याज दरें बढ़नेवाली है। इसी आधार पर हमने स्टैंडर्ड एंड पुअर्स की तरफ से भारत की रेटिंग में सुधार के बावजूद निफ्टी के लिए ऊपरी सीमा 5280 रखी थी। उसी दिन देर शाम को रिजर्व बैंक ने रेपो और रिवर्स रेपो की दरें बढ़ाकर ब्याज दरों में वृद्धि का आधार तैयार कर दिया। इसके प्रभाव से अनुमान के अनुरूप बाजार आज 200 अंकऔरऔर भी

इस समय रीयल्टी क्षेत्र के शेयरों में काफी शॉर्ट सेलिंग ब्याज दरें बढ़ने के अंदेशे में हो रही है। लेकिन मैं तो हमेशा की तरह जब हर कोई बेच रहा होता है, तब खरीदने के पक्ष में रहता हूं। वैसे भी रीयल्टी सेक्टर मेरा पसंदीदा क्षेत्र है। मैं मानता हूं कि रीयल्टी कंपनियों के लिए लागत में जितना पलीता लगता है, उतना ही वे अपनी प्रॉपर्टी की कीमतें बढ़ाते हैं और उनका परिचालन लाभ मार्जिन (ओपीएम) घटनेऔरऔर भी

कल हमने सीएनआई पर आपको दिखाया कि कैसे निफ्टी 5250 से लुढ़क कर 4650 तक आया और फिर हर तरफ यही दहशत फैलाई जाने लगी कि अब यह गिरकर 3800 तक पहुंच जाएगा। इसके बावजूद हम यही कहते रहे कि बाजार ऊपर उठेगा। इस दरमियान हमने पांच-सात बार निफ्टी में ट्रेडिंग के जरिए आपको मुनाफा कमाने का मौका दिया। आज भी हमने साबित कर दिया कि चंद ब्रोकर कैसे आपको उल्लू बनाते हैं। उन्होंने आइडिया और भारतीऔरऔर भी

एक चैनल पर मैं उसी शख्स को देख रहा था जिसने दावा किया था कि निफ्टी 3800 तक गिर जाएगा। मैं उसका चेहरा देखता रह गया क्योंकि वो अब भी कह रहा था कि बाजार में कोई दम नहीं है, तेजी जल्दी ही पिघल जाएगी और अभी कुछ नहीं, बस शॉर्ट कवरिंग चल रही है और बाजार गिरावट के मुहाने पर खड़ा है। अब भी वह शख्स दावे के साथ कह रहा था कि 3800 नहीं तोऔरऔर भी

मैं यह पढ़कर सचमुच दंग रह गया कि दुनिया के सबसे अच्छे जानकार कह रहे हैं कि हाथी (भारत) नाच रहा है। विश्व की एक अन्य प्रमुख संस्था ने आज कहा कि जापान के अलावा बाकी एशिया के शेयर बाजार कई सालों के तेजी के दौर में प्रवेश कर रहे हैं। इस बारे में मैं अपने विचार तब ही व्यक्त कर चुका हूं, जब कोई भी शेयरों पर दांव लगाने को तैयार नहीं था। बाजार पर नजरऔरऔर भी

औद्योगिक उत्पादन सूचकांक (आईआईपी) के आंकड़े उम्मीद से बेहतर रहे थे। फिर भी बाजार बढ़त के स्तर को बनाए नहीं रख सका। यह अजीब, मगर सच है। बाजार के साथ अक्सर ऐसा ही होता है कि अच्छी खबर का उतना असर उस पर नजर नहीं आता। खैर, बाजार के ऊपर बढ़ने का रुझान अभी थमा नहीं है। बल्कि, आईआईपी के अच्छे आंकड़े, एनएमडीसी के इश्यू का शांति से सब्सक्राइब हो जाना… सब यही दिखाता है कि बाजारऔरऔर भी

बाजार के ज्यादातर कारोबारी निफ्टी के 4950 से 5050 अंक के स्तर के बीच शॉर्ट सौदे करके फंस चुके हैं। इसलिए वे करेक्शन या गिरावट के पक्ष में हैं। जाहिर है उन्हें निफ्टी में १५० या इससे ज्यादा अंकों की गिरावट का इंतजार है। लेकिन यह भी सच है करेक्शन आपके चाहने पर कभी नहीं आता। हो सकता है कि मौजूदा सेटलमेंट तेजड़ियों के पक्ष में जाए क्योंकि निफ्टी में 5100 सीरीज के 75 लाख शेयरों औरऔरऔर भी