पूंजी बाजार नियामक संस्था, सेबी द्वारा सहारा समूह की दो कंपनियों – सहारा इंडिया रीयल एस्टेट कॉरपोरेशन और सहारा हाउसिंग इनवेस्टमेंट कॉरपोरेशन के खिलाफ सुनाया गया आदेश 66 लाख निवेशकों को ब्याज समेत उनका धन लौटाने तक सीमित नहीं है, बल्कि इसमें समूह और उसके मुखिया सुब्रत रॉय के कामकाज पर गंभीर सवाल उठाए गए हैं और अंदेशा जताया गया है कि इन कंपनियों में बड़े पैमाने पर मनी लॉन्डिंग हो रही है। सेबी के पूर्णकालिक निदेशकऔरऔर भी

पूंजी बाजार नियामक संस्था, सेबी ने एक आदेश जारी कर सहारा समूह के मुखिया सुब्रत रॉय और उनके तीन सहयोगियों वंदना भार्गव, रविशंकर दुबे और अशोक रॉय चौधरी पर बंदिश लगा दी है कि वे अगले आदेश तक किसी भी प्रपत्र (सिक्यूरिटी) के जरिए पब्लिक से धन जुटाने के लिए प्रत्यक्ष या परोक्ष रूप से कोई विज्ञापन, प्रॉस्पेक्टस या अन्य दस्तावेज जारी नहीं कर सकते। यह आदेश सेबी के पूर्णकालिक निदेशक के एम अब्राहम ने सहारा समूहऔरऔर भी