दुनिया में कृषियोग्य जमीन के मामले में भारत अमेरिका के बाद दूसरे नंबर पर है। अमेरिका के पास 1627.51 लाख हेक्टेयर खेतिहर जमीन है। चीन का कुल क्षेत्रफल हमारे तीन गुने से ज्यादा है। लेकिन हमारे पास खेती लायक जमीन 1579.23 लाख हेक्टेयर है, जबकि चीन के पास 1099.99 लाख हेक्टेयर। फिर भी चीन का अनाज उत्पादन हमसे कई गुना ज्यादा है। कारण, चीन की तुलना में हमारे यहां गेहूं की उत्पादकता 55%, धान की 51%, तिलहनऔरऔर भी

कृषि मंत्रालय के अनुसार इस बार धान और तिलहन के बोवाई रकबे में काफी वृद्धि हुई है। इससे लगता है कि चावल व खाद्य तेलों की सप्लाई ज्यादा रहेगी जिससे इनके दाम नीचे आ सकते हैं। कृषि मंत्रालय ने बताया है कि राज्‍यों से प्राप्‍त आंकड़ों के अनुसार 16 सितंबर ‍तक 376.77 लाख हेक्‍टेयर क्षेत्र में धान की बोवाई हुई है। यह पिछले साल के मुकाबले 33.55 लाख हेक्‍टेयर अधि‍क है। पश्‍चि‍म बंगाल, बि‍हार, झारखंड, उत्‍तर प्रदेश,औरऔर भी

मुद्रास्फीति के बढ़ते जाने की चिंता रिजर्व बैंक पर लगता है कि कुछ ज्यादा ही भारी पड़ गई है। इसको थामने के लिए उसने ब्याज दरों में सीधे 50 आधार अंक या 0.50 फीसदी की वृद्धि कर दी है। इतनी उम्मीद किसी को भी नहीं थी। आम राय यही थी कि रिजर्व बैंक ब्याज दरें 0.25 फीसदी बढ़ा सकता है। कुछ लोग तो यहां तक कह रहे थे कि औद्योगिक धीमेपन को देखते हुए शायद इस बारऔरऔर भी

कृषि मंत्रालय के ताजा आंकड़ों के मुताबिक वर्ष 2010-11 में देश में खाद्यान्नों का कुल उत्पादन 24.156 करोड़ टन रहा है। यह पिछले साल के उत्पादन 21.811 करोड़ टन से 10.75% अधिक है। खाद्यान्न उत्पादन का पिछला रिकॉर्ड 2008-09 में 23.447 करोड टन का था। इस बार 8.592 करोड़ टन गेहूं और 1.809 करोड़ टन दालों का रिकॉर्ड उत्पादन हुआ है। इसी तरह मोटे अनाज, मक्का, उड़द, मूंग, चना, तिलहन व सोयाबीन में इस बार सर्वाधिक उत्पादन हुआऔरऔर भी

केंद्रीय कृषि मंत्रालय ने विभिन्न राज्यों से मिले आंकड़ों के आधार पर बताया है कि इस साल 8 जुलाई तक धान की बुआई 74.31 लाख हेक्टेयर में की जा चुकी है। छत्तीसगढ़, मध्य प्रदेश, पंजाब और उत्तर प्रदेश से मिले आंकड़ो के अनुसार बुआई बेहतर स्थिति में हैं। मोटे अनाज की बुआई 52.03 लाख हेक्टेयर में की गयी है। यह पिछले साल की तुलना में 2.35 लाख हेक्टेयर ज्यादा है। गन्ने की बुआई 51.38 लाख हेक्टेयर मेंऔरऔर भी

फसल वर्ष 2010-11 (जुलाई-जून) में खाद्यान्न उत्पादन रिकॉर्ड 2358.8 लाख टन रहने का अनुमान है। सरकार का अनुमान है कि 2010-11 में गेहूं और दालों का उत्पादन अब तक के सर्वोच्च स्तर पर पहुंच जाएगा। कृषि मंत्री शरद पवार ने बुधवार को राजधानी में आयोजित ‘खरीफ कांफ्रेंस’ को संबोधित करते हुए कहा, ‘‘तीसरा अग्रिम अनुमान हमारे पास आ चुका है। इससे पता चलता है कि इस साल 2358.8 लाख टन खाद्यान्न का उत्पादन होगा, जो कि अबऔरऔर भी