कपास की कीमतें भले ही कमोबेश स्थिर हों, लेकिन कपड़ा मंत्रालय देश की प्रमुख मंडियों में पहुंच रहे कपास की रोजाना निगरानी कर रहा है। कपास की औसत कीमत 4000 रूपए प्रति क्विंटल के आसपास चल रही है जो तय एमएसपी (न्यूनतम समर्थन मूल्य) 3100 रूपए प्रति क्विंटल से अधिक है। यह स्थिति एमएसपी की जरूरत को ही नकार देती है। कपड़ा क्षेत्र में घरेलू जरूरत के लिए कच्‍चे माल की आपूर्ति को सुरक्षित करने का कामऔरऔर भी

जब हम जवान होते हैं तो छोटी सी छोटी बात पर मरने पर उतारू हो जाते हैं। बूढ़े होते जाते हैं तो बड़ी सी बड़ी बात होने पर भी जीते रहना चाहते हैं। उम्र इफरात तो कोई भाव नहीं! उम्र कम तो इतना मूल्य!!और भीऔर भी

भारत में चांदी की खपत का लगभग 70 फीसदी हिस्सा आयात से पूरा किया जाता है। लेकिन लोगों की मांग व क्रयशक्ति के हिसाब से आयात की मात्रा में घट-बढ़ होती रहती है। 2008 में 5048 टन चांदी का रिकॉर्ड आयात हुआ था। 2009 में सूखे वगैरह के चलते मांग कम निकली तो आयात घटकर 1285 टन पर आ गया। 2010 में फिर आयात 136 फीसदी बढ़कर 3030 टन हो गया। इस साल जनवरी से लेकर अबऔरऔर भी

स्टील बनाने का मुख्य कच्चा माल आइरन ओर है। लेकिन देश में स्टील का उत्पादन मांग से कम होने के बावजूद हम आइरन ओर का जमकर निर्यात करते हैं। यहां तक कि भारत दुनिया में आइरन ओर का तीसरा सबसे बड़ा निर्यातक देश है। इस्पात मंत्रालय की तरफ से दी गई अद्यतन जानकारी के अनुसार अप्रैल-दिसम्‍बर 2010 के दौरान देश में 464.40 लाख टन स्टील घरेलू इस्‍तेमाल के लिए उपलब्‍ध था, जबकि इसकी मांग 518 लाख टनऔरऔर भी

बाजार एक बार फिर 5400 से 5500 की रेंज तोड़कर नीचे चला गया। निफ्टी 5367 तक जा पहुंचा और मंदड़ियों की मौज हो गई है। वे आज तीन लंबी-लंबी अफवाहें फेंकने में कामयाब रहे। एक यह कि बीजेपी विकीलीक्स के ताजा खुलासे के बाद सरकार से सदन में बहुमत साबित करने की मांग करेगी, जिसकी कोई संभावना नहीं है। दो, जापान के फंड भारत से निकलना चाहते हैं जो फिर संभव नहीं है और इसे नोमुरा सिक्यूरिटीजऔरऔर भी

वित्त मंत्री प्रणब मुखर्जी का कहना है कि प्याज की कीमतें अब नीचे आने लगी हैं और सरकार की ओर से किए जा रहे उपायों से जल्दी ही स्थिति नियंत्रण में होगी। उल्लेखनीय है कि प्याज के भाव करीब एक हफ्ते से आसमान छू रहे हैं। प्याज का मसला राजनीतिक रूप से इतना संवेदनशील है कि वित्त मंत्री बराबर इस पर सफाई देते फिर रहे हैं। राजधानी दिल्ली में तो श्री मुखर्जी ने बराबर मीडिया को इसऔरऔर भी

निजी चीनी मिलों की लॉबी सरकार से निर्यात की इजाजत लेने की मुहिम में जुट गई है। बुधवार को निजी चीनी मिलों के संगठन इस्मा (इंडियन शुगर मिल्स एसोसिएशन) के अध्यक्ष विवेक सरावगी और महानिदेशक अविनाश वर्मा ने अलग-अलग समाचार एजेंसियों के जरिए दावा किया कि भारत आराम से इस साल 20 लाख टन चीनी का निर्यात कर सकता है और ऐसा न करने से दुनिया में चीनी के दामों में आग लगी रहेगी। इस्मा के अध्यक्षऔरऔर भी

धनतेरस पर सोना महंगा होने के बावजूद लोगों ने पारंपरिक सोच के तहत सोना खरीदा है। लेकिन इस बार चांदी के सिक्कों की खरीद जमकर हुई है। इसकी बदौलत दिल्ली में चांदी के सिक्कों का भाव उछलकर 43,000 रुपए प्रति सौ सिक्के का हो गया। व्यापारियों के मुताबिक लोगबाग यूं तो हर साल धनतेरस से लेकर दीवाली तक चांदी के बर्तन, सिक्के व अन्य साजोसामान खरीदते हैं। लेकिन इस बार सोना महंगा होने से चांदी की तरफऔरऔर भी

रिजर्व बैंक से उधार लेना 0.25 फीसदी महंगा होने के एक दिन बाद ही बैंकों में लोगों से ज्यादा डिपॉजिट खींचने की होड़ शुरू हो गई है। पहल की है निजी क्षेत्र के दो बैंकों ने। एचडीएफसी बैंक ने 30 जुलाई से अलग-अलग अवधि की एफडी (फिक्स्ड डिपॉजिट) पर ब्याज की दर 0.25 फीसदी से लेकर 0.75 फीसदी तक बढ़ा दी हैं। वहीं दक्षिण भारत में सक्रिय अपेक्षाकृत छोटे, पर तेजी से उभरते लक्ष्मी विलास बैंक नेऔरऔर भी