दूरसंचार नियामक संस्था, ट्राई ने देश भर के लिए 6.2 मेगाहर्ट्ज 2जी स्पेक्ट्रम की कीमत कई गुना बढाने का सुझाव दिया है जो वित्तीय रूप में मौजूदा और नई दूरसंचार कंपनियों पर बड़ा असर डाल सकता है। भारतीय दूरसंचार नियामक प्राधिकार (ट्राई) का सुझाव है कि देश भर के लिए 6.2 मेगाहर्ट्ज 2 जी स्पेक्ट्रम की कीमत को बढाकर 10,972.45 करोड़ रुपए कर दिया जाए जो फिलहाल 1658 करोड़ रुपए है। इस आधार पर 2008 में अखिलऔरऔर भी

बहुत से निवेशक अभी तक मार्क टू मार्केट के दबाव और विशेषज्ञों की सलाहों के आगे घुटने टेक चुके हैं और बाजार से बहुत कुछ बेच-बाच कर निकल गए हैं। ब्रोकर उन्हें अब भी समझा रहे हैं कि हर बढ़त उनके लिए राहत का मौका है और ऐसे हर मौके पर उन्हें बेचकर निकल लेना चाहिए। अच्छा है क्योंकि आपका इम्तिहान चल रहा है। अब, ऐसा तो नहीं हो सकता कि आप हर बार उम्मीद करें किऔरऔर भी

मैं ये तो नहीं कहता कि एफआईआई मूरख हैं। आखिर वे हमारे बाजार की दशा-दिशा तय करते हैं। लेकिन इतना जरूर है कि उन्हें बहुत आसानी से मूर्ख बनाया जा सकता है या ऐसा भी हो सकता है कि वे आसानी से मूर्ख बनने का स्वांग करते हों। उन्होंने अपने इर्दगिर्द 200 करोड़ रुपए के बाजार पूंजीकरण की लक्ष्मण रेखा खींच रखी है। वे वही स्टॉक इतने या इससे ज्यादा बाजार पूंजीकरण पर खरीदते हैं जिन्हें ऑपरेटरऔरऔर भी

सेंसेक्स अब 18,000 के जादुई आंकड़े से सिर्फ 170 अंक दूर है और अगर सोमवार को 9 बजे बाजार खुलने पर यह मुकाम हासिल हो जाए तो मुझे जरा-सा भी अचरज नहीं होगा। कल मेरी टीम ने जब मुझे बताया कि स्लोएन (Sloane) नाम के एक फंड ने भारती एयरटेल के 10.3 लाख शेयर खरीदे हैं, तभी मैंने उनसे कह दिया था कि भारती कल आराम कल 300 रुपए को पार कर जाएगा और पक्के तौर परऔरऔर भी

अगर पी/ई अनुपात के लिहाज से देखें तो आइडिया सेलुलर देश की लिस्टेड टेलिकॉम कंपनियों में भारती एयरटेल के बाद सबसे सस्ता शेयर है। 2009-10 में इसका ईपीएस (प्रति शेयर लाभ) 3.39 रुपए रहा है और इसका शेयर सोमवार को बीएसई में 3.80 फीसदी बढ़कर 58.70 रुपए और एनएसई में 3.45 फीसदी बढ़कर 58.50 रुपए पर बंद हुआ है। इसका पी/ई अनुपात 17.16, भारती एयरटेल का 8.32 और रिलायंस कम्युनिकेशंस का 86.83 है। आइडिया का परिचालन लाभऔरऔर भी

पिछले साल मई महीने में दुनिया के सबसे बड़े रिटेलर वॉलमार्ट ने भारत में अपना पहला होलसेल कैश एंड कैरी स्टोर खोला था। अब साल भर बाद दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा रिटेलर केयरफोर भी यहां पहुंच गया है। अंतर इतना है कि वॉलमार्ट ने अपना व्यवसाय भारती मित्तल समूह के साथ मिलकर शुरू किया है तो केयरफोर अभी अकेले अपने दम पर अपने पूर्ण स्वामित्व वाली सब्सिडयरी के तहत यह कारोबार शुरू कर रहा है। मूलतःऔरऔर भी