अपना ही नुकसान
सोते हुए को जगाना आसान है, जगते हुए को जगाना मुश्किल। लेकिन जो लोग जागते हुए भी सोते रहते हैं, वे किसी और का नहीं, अपना ही नुकसान करते हैं। असहज अवस्था में होने के कारण फालतू चीजें भी उनके लिए घातक बन जाती हैं।और भीऔर भी
डीजल, मिट्टी तेल व रसोई गैस पर गाज अभी नहीं
केंद्र सरकार भले ही पेट्रोल की तरह सारे पेट्रोलियम उत्पादों के दाम को आखिरकार बाजार के हवाले कर देना चाहती है। लेकिन फिलहाल वह डीजल, मिट्टी के तेल और रसोई गैस के दाम बढ़ाने के बारे में नहीं सोच रही है। हालांकि, इन तीनों उत्पादों को बाजार मूल्य से कम दाम पर बेचने से तेल कंपनियों को रोजाना 360 करोड़ रुपए का नुकसान उठाना पड़ रहा है। पेट्रोलियम मंत्रालय के एक शीर्ष अधिकारी के अनुसार इस समयऔरऔर भी
वरना ब्रोकर के चले जाते 100 करोड़!
पिछले दस सालों में केवल एक साल को छोड़ दें तो कभी भी मुहूर्त ट्रेडिंग के दिन शेयर बाजार नीचे नहीं गया है। कारण यह है कि मुहूर्त ट्रेडिंग में ज्यादातर गुजराती ट्रेडर भाग लेते हैं और वे दिवाली के दिन बेचने के बजाय खरीदना ही पसंद करते हैं। केवल 9 नवंबर 2007 को दिवाली के दिन बीएसई सेंसेक्स 0.8 फीसदी या 151 अंक गिर गया था। 8 नवंबर 2007 को यह 19,059 पर था, जबकि 9औरऔर भी
सर्वनाश जरूरी
जीते तो सभी अपने लिए ही हैं। कुछ का जीना दूसरों का भला करता है। ज्यादातर का जीना दूसरों का नुकसान नहीं करता। लेकिन कुछ हैं जो दूसरों का गला काटकर ही फलते-फूलते हैं। इनका सर्वनाश जरूरी है।और भीऔर भी
केला फल है, पर सरकार के लिए सब्जी!
केला हमारे-आपके भले ही हमेशा से फल रहा हो, लेकिन भारत सरकार उसे अभी पिछले महीने तक सब्जी ही मानती रही है। अंग्रेजों के समय से चले आ रहे इस सरकारी नाम से केले के किसानों व व्यापारियों को काफी नुकसान हो रहा था। अब फल मान लेने से प्राकृतिक आपदा की स्थिति में केला किसानों को खटाखट अच्छा मुआवजा मिल जाएगा। वहीं रेलवे से व्यापारियों को माल भेजने के लिए रैक आसानी से मिल जाएगी। रैकऔरऔर भी
बाजार धराशाई, लेकिन कुछ शेयर चमकते रहे
यह सच है कि दुनिया के बवंडर में हमारे बाजार के भी तंबू-कनात उखड़ जाते हैं। लेकिन यहां भी कुछ अपना है जो अपनी ही चाल से चलता है। जैसे, शुक्रवार को जब तमाम शेयर तिनके की तरफ उड़ रहे थे तब सेसेंक्स की 30 कंपनियों में तीन शेयर बढ़ गए। सेंसेक्स की 2.19 फीसदी गिरावट के बावजूद ओएनजीसी में 1.08 फीसदी, हिंडाल्को में 0.77 फीसदी और सिप्ला में 0.73 फीसदी की बढ़त दर्ज की गई। बीएसईऔरऔर भी
छह सौ कताई मिलों ने धागा उत्पादन रोका
दक्षिण भारत की करीब 600 कताई मिलों ने बढ़ते स्टॉक के मद्देनजर धागा बनाना बंद कर दिया है। मिलों के पास पिछले चार माह से धागे के विशाल भंडार जमा है। साउथ इंडिया स्पिनर्स एसोसिएशन (सिस्पा) के अध्यक्ष एस वी देवराजन ने कहा कि विभिन्न तरह की परेशानियों से जूझ रहे कपड़ा उद्योग की सुरक्षा के लिए कताई मिलों ने दस दिन के लिए धागे का उत्पादन बंद किया है। यह समस्या सरकारी नीतियों की कमी केऔरऔर भी
मुथूत फाइनेंस ने कर ही डाला कबाड़ा
मुथूत फाइनेंस ने अपने 1.95 लाख से ज्यादा शेयधारकों को लिस्टिंग के पहले ही दिन रुला डाला। 175 रुपए पर जारी हुआ उसका शेयर सुबह 180 रुपए पर लिस्ट होने के थोड़ी देर बाद करीब 13 फीसदी बढ़कर 198 रुपए पर पहुंच गया। लेकिन बाद में फटाफट गिरकर 161.50 रुपए तक चला गया। दिन भर गहमागहमी रही। बीएसई में इसके 2,26,76,312 शेयरों और एनएसई में 6,06,13,615 शेयरों में कारोबार हुआ। बीएसई में पता नहीं कि इसमें सेऔरऔर भी
तेल कंपनियों की अंडर रिकवरी 98000 करोड़
विश्व बाजार में आने वाले महीनों में भी कच्चे तेल के दाम यदि 100 डॉलर प्रति बैरल के ईदगिर्द ही टिके रहते हैं तो सार्वजनिक क्षेत्र की तेल विपणन कंपनियों (ओएमसी) की अंडर-रिकवरी या नुकसान अगले वित्त वर्ष में 98,000 करोड़ रुपए तक पहुंच सकता है। सार्वजनिक क्षेत्र की तीन प्रमुख ओएमसी हैं – बीपीसीएल, एचपीसीएल और इंडियन ऑयल। ब्रोकर फर्म इंडिया इनफोलाइन (आईआईएफएल) की एक रिपोर्ट में यह अनुमान व्यक्त करते हुए कहा गया है किऔरऔर भी