झूठ और लूट के इस दौर में कोई कोना पकड़कर जी लेना आसान है। हज़ारों-लाखों जिंदगियों को प्रभावित करनेवाला उद्यम खड़ा करना काफी कठिन है। लेकिन सबसे कठिन है झूठ और लूट के तंत्र को बेनकाब करते हुए सच्चे राष्ट्र का निर्माण।और भीऔर भी

डेरिवेटिव सौदों में कैश सेटलमेंट के चलते बाजार कैसे हिल जाता है, इसके लिए मुझे नहीं लगता कि आपको अब किसी और प्रमाण की जरूरत है। जो बाजार पिछले सेटलमेंट में ज़रा-सा झुकने को तैयार नहीं था, वह नए सेटलमेंट के दूसरे ही दिन ताश के पत्तों की तरह ढह गया। निफ्टी गिरने लगा तो गिरते-गिरते अंत में 2.26 फीसदी की गिरावट के साथ 5087.30 पर बंद हुआ। यूं तो अभी और भी बहुत कुछ होना है।औरऔर भी

सिंगल प्रीमियम पॉलिसी को छोड़ दें तो किसी भी जीवन बीमा पॉलिसी में जैसे ही आप प्रीमियम देना बंद करते हैं, आपका बीमा कवर खत्म हो जाता है। कंपनियां अक्सर यूलिप स्कीमों में यह बात छिपाती हैं। एजेंट कहते हैं कि पांच साल के बाद आप प्रीमियम न दें तब भी आपकी पॉलिसी चालू रहेगी। लेकिन तब आपको केवल फंड वैल्यू मिलती है और सम-एश्योर्ड शून्य हो जाता है। कोई संदेह हो तो अपने पॉलिसी दस्तावेज पढ़औरऔर भी

अमेरिका के डाउ जोंस सूचकांक मे 600 अंकों की भारी गिरावट ने आखिरकार भारत व एशिया में आई गिरावट की बराबरी कर दी। भारत का बाजार पिछले दस महीनों से गिर रहा था, जबकि डाउ जोंस खुद को मजबूती से 12300 पर टिकाए हुए था। लेकिन अब उसे असली झटका लग चुका है। असल में विकसित देशों को लौटकर गया धन अब वहां से निकलकर फिर से भारत उभरते बाजारों की तरफ बढ़ रहा है। खैर, हमारेऔरऔर भी

नौकरी हासिल करने के लिए संभावित नियोक्ताओं को अब पहले से ज्यादा लोग गलत जानकारियां दे रहे हैं। एक रिपोर्ट में कहा गया है कि 2011 की पहली तिमाही में इस तरह के मामलों में इजाफा हुआ है। नोट करने की बात है कि मुंबई, मेरठ और कानपुर उन शीर्ष तीन शहरों में हैं, जहां उम्मीदवारों द्वारा अपनी शिक्षा के बारे में सबसे ज्यादा गलत जानकारियां दी गईं। दुनिया के पैमाने पर इस तरह के जोखिम परऔरऔर भी

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उनको इतनी मिर्ची लग जाएगी, अंदाजा नहीं था। दुख इस बात का है कि छल-प्रपंच में लगी स्पीक एशिया की तरफदारी ऐसे लोग कर रहे हैं जो बड़ी ईमानदारी व मेहनत से घर-परिवार चलाते हैं। मानस कुमार भले ही स्पीक एशिया के घोटालेबाज टीम से सदस्य हों, लेकिन महेश, हरप्रीत, रंजीत, अजीत, धीरज रावत, नितेश और ‘बेनामी’ झलक तक हमारे-आप जैसे लोग हैं जो अपनी व अपनों की जिंदगी में खुशियां बिखेरना चाहते हैं। झलक की यहऔरऔर भी

कोई मूर्खता में झूठ बोले तो चलता है। लेकिन जो लोग जानबूझ कर झूठ बोलते हैं, कितना बड़ा कलेजा होता होगा उनके पास! पर क्या करें? कुछ लोगों का धंधा और पापी पेट झूठ बोलकर ही चलता है।और भीऔर भी