बाजार का बर्ताव वैसा ही रहा जैसा कि रोलओवर के करीब आने के दौरान होना चाहिए था। मालूम हो कि डेरिवेटिव सेगमेंट के लिए शुक्रवार, 1 अक्टूबर से शुरू हुआ सेटलमेंट गुरुवार, 28 अक्टूबर को खत्म हो जाएगा। इन 28 दिनों में कारोबारी दिन केवल 20 ही हैं। दिक्कत यह है कि हमें सेटलमेंट के करीब आने और रोलओवर होने का ख्याल ही नहीं रहता, जबकि इसके आसपास का समय भारी उतार-चढ़ाव और अफवाहों से भरा होताऔरऔर भी

अचानक उल्लास और उत्साह के बीच आर्थिक मोर्चे से दो बुरी खबरें मिली हैं। जून महीने में औद्योगिक उत्पादन सूचकांक (आईआईपी) की वृद्धि दर 13 महीनों के न्यूनतम स्तर 7.1 फीसदी पर पहुंच गई है। यह पिछले साल जून में आर्थिक सुस्ती के बावजूद 8.3 फीसदी थी। दूसरे, कुछ हफ्तों से इकाई में आ गई खाद्य मुद्रास्फीति की दर 31 जुलाई को खत्म सप्ताह में बढ़कर 11.4 फीसदी हो गई है। हालांकि इन दोनों ही नकारात्मक खबरोंऔरऔर भी

हमारी लगभग एक लाख करोड़ डॉलर की अर्थव्यवस्था का 40 फीसदी हिस्सा खुदरा बिक्री से आता है। दूसरे शब्दों में जीडीपी में 40,000 करोड़ रुपए का योगदान हमारी रोजमर्रा की खरीद का है। इसका लगभग 94 फीसदी हिस्सा गली-मोहल्लों में फैली किराना दुकानों से आता है और केवल 6 फीसदी हिस्सा ही पैंटालून (बिग बाजार), रिलायंस रिटेल, स्पेंसर, आदित्य बिड़ला रिटेल और भारती के बड़े-बड़े स्टोरों से आता है। मतलब, आसपास की जिन दुकानों को हम दोऔरऔर भी

कृषि, खाद्य व उपभोक्ता मामलों के मंत्री और राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) के अध्यक्ष शरद पवार ने शुक्रवार को संसद में ऐसा बयान दिया जिससे लगता है कि अगर कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी के चहेते खाद्य सुरक्षा विधेयक को कानून बना दिया गया तो देश राजकोषीय घाटे के दलदल में घंस जाएगा। उन्होंने कहा कि खाद्य सुरक्षा कानून के अंतर्गत अगर गरीब परिवारों को महीने में 25 किलो अनाज दिया जाता है तो सरकार को 76720 करोड़औरऔर भी

कोई आपसे पूछे कि भारतीय अर्थव्यवस्था कितनी बड़ी है तो आप बेझिझक बता सकते हैं कि यह अभी 44,64,081 करोड़ रुपए की है, वह भी तब जब इसमें से 2004-05 के बाद की मुद्रास्फीति या महंगाई के असर को निकाल दिया गया है। अगर सारा कुछ आज की कीमत के हिसाब से बोलें तो हमारी अर्थव्यवस्था का आकार 58,68,331 करोड़ रुपए का है। लेकिन हम महंगाई के असर को जोड़कर नहीं, हटाकर ही बात करते हैं क्योंकिऔरऔर भी

हफ्ते की शुरुआत अर्थव्यवस्था की एक बड़ी तस्वीर के साफ होने, पारदर्शिता से हो रही है। आज सरकार सकल घरेलू उत्पाद (जीपीडी) के आंकड़े पेश करनेवाली है। यह अर्थव्यवस्था ही नहीं, पूरे बाजार के लिए बहुत अहम जानकारी है। निफ्टी में काफी शॉर्ट सौदे हो रखे हैं। इनकी कवरिंग के चलते बाजार शुरुआत में बढ़ सकता है। कुछ रिसर्च आधारित तहकीकात के बाद इस हफ्ते के लिए चार शेयरों की शिनाख्त की गई है। ये शेयर हैंऔरऔर भी